बिलासपुर

आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहा गोठान : महापौर

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – भूपेश सरकार के गोठान योजना लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा साधन के रूप में सामने आया है। बिलासपुर नगर निगम द्बारा संचालित मोपका के गोठान में मल्टी लाइवलिहुड पर बड़ा काम हो रहा है। मोपका के गोठान में गोकाष्ठ, गोनाईल, वर्मी खाद की जबरदस्त डिमांड बड़ी है। गोठान 8 लाख रूपये के प्रोफिट के साथ स्वालंबी हो गया है। इससे उत्साहित नगर निगम ने अब मशरूम की ख्ोती के साथ फू ल और चारे के भी खेती शुरू कर दी है। शनिवार को महापौर रामशरण यादव ने मोपका के गोठान का निरीक्षण किया वहां चल रही गोठान की गतिविधियों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। अपर आयुक्त राकेश जायसवाल ने मेयर यादव को जानकारी दी की गोठान में 100 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार के साथ मशरूम की खेती शुरू की गई है। जल्द ही इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। गोठान में वर्मी कम्पोस्ट खात बेच कर 6 लाख 21 हजार 850 रूपये प्राप्त हो चुके है। 4 लाख 36 हजार 150 रूपये शासकीय विभागों से लेना बाकि है। सुपर कम्पोस्ट बेचकर 5 लाख 44 हजार 104 रूपये प्राप्त हो गया है। 2 लाख 67 हजार 96 रूपये लेना बाकि है। गोकाष्ट बेचकर 3 लाख 67 हजार 732 रूपये प्राप्त कर लिया है। 4 लाख 6 हजार 598 रूपये शासकीय विभाग से लेना बाकि है। इसी तरह दिया और अन्य समाग्री बेचकर 68 हजार 238 रूपये प्राप्त हुआ है। कच्चा समाग्री के पैसे काटने के बाद गोठान 8 लाख रूपये प्राफीट में है। 4 लाख रूपये लाभांश के रूप में कार्य कर रही महिलाओं को बांटा गया है। निरीक्षण के दौरान जोन कमिश्नर रंजना अग्रवाल, इंजीनियर शालनी कश्यप, ग्रामीण कृषि विस्तर अधिकारी कीर्ति तिर्की और लाला यादव उपस्थित रहें।

आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहा गोठान: महापौर


कृषि विभाग गोठान से खरीद रहा वर्मी कम्पोस्ट खाद
गोठान में बनने वाले वर्मी कम्पोस्ट खाद की पूर्ति नहीं हो पा रही है। कृषि विभाग यहां बनने वाले खाद को हाथों हाथ खरीद रहा है। कृषि अधिकारी कीर्ति तिर्की ने महापौर को बताया कि कृषि विभाग को 10 रूपये प्रति किलों में ये खाद मितला है। उसमें कृषि विभाग 50 पैसा अपने कमीशन के रूप में काटता है। 9 रूपये 50 पैसे गोठान को भुगतान करता है। ये खाद कृषि विभाग किसानों को बेचता है। जिससे आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सकें।


गोबर गैस प्लांट से तीन वक्त का खान बन रहा
गोठान के निरीक्षण के दौरान महापौर यहां के गोबर गैस प्लांट को देखा जहां अधिकारियों ने बताया कि इस प्लांट से गोठान में तीन वक्त का खाना आराम से बन जाता है। इस प्लांट में 20 किलो गोबर डाला जाता है। जिससे गैस उत्पादित होती है। इसके बाद जो गोबर प्लांट से निकाला जाता है। उसे खाद बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।


केचुआ पालन भी शुरू किया
गोठान में अब केचुआ पालन भी शुरू किया गया है। पहले खाद बनाने के लिए केचुआ बाहर से खरीदना पड़ता था लेकिन अब गोठान में ही केचुआ पालन कर उससे खाद बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन केचुआ को किसानों को 250 से 300 रूपये किलों में बेचा भी जाता है। ये मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाते है। जिससे पैदावार अधिक होता है।


महिलाओं से किया चर्चा, ड्रेस उपलब्ध कराने कहा
महापौर ने गोठान में काम करने वाली स्व.सहायता समूह की महिलाओं से भी चर्चा की इस दौरान उन्होने बताया कि उन्हें ड्रेस, मास्क और सेनेटाइजर नहीं मिलता जिसपर महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन्हें तुरंत ड्रेस मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जाए। साथ ही कचरा कलेक्शन में उपयोग आने वाले रिक्शा का भी मेंटेनेस करने कहा।

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