अतीक अहमद के 10 बड़े कांड, हिंदुओं के मकानों को गिराने का सुनाया था फरमान
(शशि कोन्हेर) : प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण कांड में आजीवन कारावास की सजा पाने वाला माफिया से नेता बना अतीक अहमद कभी खुद को ‘पुलिस, कोर्ट व कचहरी से ऊपर समझता था। सपा शासनकाल में उसकी हनक बढ़ जाती थी। पुलिस-प्रशासन उसके समक्ष नतमस्तक रहते थे। अतीक ने एक बार दर्जनभर से अधिक हिंदुओं के मकान को गिराने का फरमान सुना दिया था।
मकान को बचाने के लिए संसद में आवाज उठानी पड़ी थी। मामला फरवरी-मार्च 2015 का है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। अतीक ने कसारी-मसारी मुहल्ले में रहने वाले हिंदुओं को घर छोड़ने का निर्देश दे दिया।
तर्क था कि हिंदुओं ने कब्रिस्तान की जमीन पर मकान बनवाया है। दर्जनभर से अधिक हिंदुओं के मकान में लाल निशान लगवाकर उसे गिराने की तैयारी शुरू कर दी। मकान मालिक पुलिस के पास गए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब भाजपा पार्षद व मौजूदा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी के नेतृत्व में प्रदर्शन शुरू किया गया। गणेश ने नगर निगम की बैठक में मामले को उठाया।
वहीं, फूलपुर से तत्कालीन सांसद व मौजूदा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संसद में आवाज मुखर की। उन्होंने माफिया अतीक की मनमानी व पुलिस-प्रशासन के निष्क्रिय रवैए को पुरजोर तरीके से उठाकर हिंदुओं के हित में लड़ाई लड़ने की बात कही। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। प्रशासन ने जांच करवाया तो जमीन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण (अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण) की निकली।