सरकार के द्वारा प्रतिबंध लगाते ही “इस मंदिर” में बरस पड़े 2000 रुपए के नोट…!
(शशि कोन्हेर) : चिंतपूर्णी, । अब इसे महज एक संयोग कह लें या फिर रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार रुपए के नोट को चलन से बाहर करने के निर्णय का असर, लेकिन चिंतपूर्णी मंदिर के पिछले दो दिनों के कुल चढ़ावे में दस प्रतिशत से अधिक दो हजार रुपए के नोट भेंटपात्रों से मंदिर न्यास को प्राप्त हुए हैं। दो दिनों में गणना में मंदिर न्यास को भेंटपात्रों से कुल 146 नोट 2000 रुपए के प्राप्त हुए हैं। इन दो दिनों में मंदिर न्यास को चढ़ावे से 21,97,395 रुपए की आमदनी हुई है। इसमें 2,92,000 रुपए अकेले दो हजार के नोट के हैं।
रविवार को पिछले दिन (शनिवार) की जब गणना हुई तो उसमें 81 नोट दो हजार रुपए के थे। मंदिर न्यास को इस दिन नकद चढ़ावे के रूप में कुल 10,34,507 रुपए की आय प्राप्त हुई, जबकि इसमें 1,62,000 रुपए का योगदान दो हजार रुपए के नोट का रहा।
इस दिन कुल 11688 नोट मां के दरबार में चढ़े और सबसे अधिक नोट 5205 दस रुपए के थे। इसी दिन पांच सौ रुपए के 906 और 100 रुपए के 2079 नोट चढ़ावे में शामिल रहे तो 50 के 1513 और 20 के 1645 नोट चढ़ावे में निकले। वहीं, सोमवार को (रविवार की गणना में) न्यास को 11,62,888 रुपए की आय प्राप्त हुई।
वहीं, चढ़ावे में मंदिर न्यास ने कुल 16719 नोटों की गिनती की। इसमें भी सबसे ज्यादा नोट दस रुपए के थे। दस रुपए के कुल 7492 नोट इस चढ़ावे से मंदिर न्यास को प्राप्त हुए। इसके अलावा इस चढ़ावे में पांच सौ रुपए के भी कुल 825 नोट थे। वहीं, 100 रुपए के 2987, 200 रुपए के 348, 50 रुपए के 2349, 20 रुपए के 2600 और 5 रुपए के भी 47 नोट श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में चढ़ाए।
वहीं, मंदिर न्यास का मानना है कि दो हजार रुपए के नोट इस दिन जरूर ज्यादा मिले हैं, लेकिन इसका कारण केवल मुद्रा के चलन को बाहर करने के निर्णय से ही जोड़कर नहीं देख जा सकता है। क्योंकि पहले कई बार बड़ी संख्या में दो हजार रुपए के नोट चढ़ावे में आते रहे हैं। कई बार तो एक ही श्रद्धालु परिवार द्वारा 200 से ज्यादा दो हजार रुपए के नोट मां के भेंटपात्रों में अर्पित किए जाते रहे हैं।
वहीं, मंदिर अधिकारी बलवंत पटियाल ने बताया कि दो हजार रुपए के नोट इससे पहले भी मां के दरबार में लगाए गए भेंटपात्रों से प्राप्त होते रहे हैं। बड़ी बात यह भी है कि सभी नोटों की संख्या भी न्यास द्वारा नोट की जाती है। मंदिर न्यास द्वारा चढ़ावे की गणना प्रतिदिन की जाती है और पूरी पारदर्शिता के साथ एक-एक पैसे का भी हिसाब रखा जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे को उसी दिन बैंक में जमा करवा दिया जाता है।