नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय में 243 पारिवारिक मामलों का हुआ समाधान……
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर- छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश से नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद और अति प्रधान न्यायाधीश श्यामलाल नवरत्न की न्यायालय में बिलासपुर शहर व दूरस्थ ग्रामीण अंचल से आए पति पत्नी एवं अन्य पक्षकारों के मामले जिसमें दाम्पत्य पुर्नस्थापना संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम, भरण पोषण के कुल 243 प्रकरण पक्षकारों के परस्पर सहमति आधार पर राजीनामा हो जाने पर निराकृत किए गए।
प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद की अदालत में 07 वर्ष से पृथक तखतपुर निवासी परिवर्तित नाम रमाबाई को उसके पति परिवर्तित नाम रमेश जो पुलिस विभाग में कर्मचारी है,को अलग रह रहे थे. उनके 02 बच्चे भी है। आवेदिका में भरण पोषण एवं दाम्पत्य पुर्नस्थापन एवं अनावेदक ने तलाक का मामला लगाया था, लेकिन न्यायालय की समझाईश के बाद दोनों पक्ष साथ रहने सहमत हो गए और टूटता परिवार जुड़ गया। साथ ही एक अन्य मामले में मुस्लिम परिवार के पति पर शराब पीकर मारपीट का आरोप था,उसके
दो बच्चों की भी है, पति ने पत्नी से माफी मांगा और भविष्य में नशा नहीं करने का वचन दिया और दोनो साथ
साथ राजीखुशी से अपने घर चाटीडीह रहने को चले गए। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश श्यामलाल नवरत्न
की अदालत में अन्य मामले में पति पत्नी ने साथ रहने से इन्कार कर दिया. तब न्यायालय द्वारा दोनों पक्ष को
समझाईश दिए जाने पर दोनो पक्ष के मामले निराकृत किया गया।
इस तरह प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में 150
प्रकरण और अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में 93 मामले पक्षकार के मध्य परस्पर सहमति से निराकृत
किए गए।
कुटुम्ब न्यायालय में सन 2023 में नवनियुक्त न्यायमित्र अपने सराहनीय भूमिका अदा किया और पिछले बार 199 प्रकरण निराकृत किए गए थे इस बार न्यायमित्र के अथक प्रयास से न्यायालय ने परामर्श कर 243 प्रकरण परस्पर सहमति से निराकरण में सहयोग किए।
इस तरह शनिवार की नेशनल लोक अदालत कुटुम्ब न्यायालय में दाम्पत्य जीवन की पुर्नस्थापना भरण-पोषण, प्रतिपाल्य संरक्षण अधिनियम सहित अन्य विवादित मामलों का निराकरण न्यायालय द्वारा किया गय जिसमें कुल 243 प्रकरणों का आपसी रजामंदी से समाधान किया गया। जिसमें वरिष्ठ न्यायमित्र ए. एस. कुरैशी वरिष्ठ न्यायमित्र प्रशांत गनोरकर तथा अन्य न्यायमित्र कविता आर्य, सत्येंद्र उपाध्याय, फूलमनी गोयल कामिनी तिवारी, मौषमी जांगडे, रविशंकर तिवारी, श्रद्धा राव एवं परामर्शदाता – उषाकिरण बाजपेयी ट आर कश्यप एवं अन्य सदस्यगण एवं न्यायामित्रों तथा न्यायालयीन कर्मचारियों का सहयोग सराहनीय रहे।