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बिहार में डूबने से 30 लोगों की मौत, छठ पर्व के दौरान हुए अलग-अलग हादसे

(शशि कोन्हेर) : बिहार में रविवार व सोमवार को छठ पर्व के दौरान नदी व तालाब में स्नान व घाट की साफ-सफाई के दौरान डूबने से 30 लोगों की मौत हो गई। सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें दो लोगों की मौत अर्घ्य देने के दौरान गहरे पानी में चले जाने से हुई।

अलग-अलग जगहों पर डूबने वालों में समस्तीपुर जिले के छह और पटना, पूर्णिया व सहरसा जिले के तीन-तीन एवं रोहतास, कटिहार व बेगूसराय के दो-दो तथा मधुबनी, पश्चिम चंपारण, वैशाली, कैमूर, भभुआ, बांका, जमुई, खगड़िया व मधेपुरा जिले के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। वहीं, लापता लोगों में सीतामढ़ी और शिवहर के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

भीड़ व पैदल चलने के कारण दो महिलाओं की गई जान 
बिहार में औरंगाबाद जिले के देव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में छठ करने पहुंचीं दो महिलाओं की मौत हो गई। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को मंदिर के पीछे सूर्य कुंड तालाब में अर्घ्य देने के दौरान उमड़ी भीड़ में दबने से रामकिशोर सिंह की 60 वर्षीय पत्नी मीरा देवी की जान चली गई। जबकि उनकी पौत्री खुशी कुमारी घायल हो गई।

उधर, पटना के नौबतपुर से छठ करने देव पहुंची दूसरी बुजुर्ग छठव्रती रामपति देवी की तबीयत छह किमी पैदल चलने से बिगड़ गई और देव में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। वह दीप नारायण प्रसाद की पत्नी थीं। रामपति देवी के पुत्र व वायुसेना के जवान सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि मेरी मां की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मी हैं।

उपवास के कारण कमजोरी महसूस कर रही मां का हवाला दिया, फिर भी वे नहीं माने। भीड़ के कारण पुलिस ने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। देव मोड़ के पास बैरियर पर वाहन रोक दिया गया, इसके बाद हमलोग पैदल चलने लगे। पैदल चलने से मां की तबीयत खराब हुई तो ठेला किराया पर लिया। कुछ दूर बाद पुलिस ने ठेले को रोक दिया। बदतमीजी की गई और ठेला चालक को पीटा गया। इस बीच मां की तबीयत अधिक बिगड़ गई और जब तक अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

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