4 फीट ऊंचा… 600 किलो वजन, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित होगा ओंकारेश्वर का विशाल शिवलिंग
(शशि कोन्हेर) : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है. भूतल बनकर तैयार हो गया है और अब प्रथम तल का काम चल रहा है. दीवारों पर नक्काशी हो रही है. वहीं, श्रीराम के इस मंदिर में अन्य मंदिर भी बनकर तैयार हो रहे हैं. इन्हीं में से एक मंदिर में एमपी से भेजा जा रहा विशालकाय शिवलिंग भी स्थापित होगा. यह शिवलिंग प्राकृतिक है. ओंकारेश्वर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक और यह एमपी के खंडवा जिले से स्थित है.
दरअसल, ओंकारेश्वर के पास मौजूद बिल्लोरा खुर्द के नजर निहाल आश्रम में महामंडलेश्वर श्री नर्मदानंद जी सानिध्य में 4 फीट ऊंचे और 600 किलो प्राकृतिक शिवलिंग का पूजन किया गया. नर्मदानंद जी महाराज का कहना है कि अयोध्या में रामलला मंदिर परिसर में राम मंदिर के विग्रह के चारों ओर बन रहे 14 फीट चौड़े परकोटे के 6 मंदिरों में से एक मंदिर में मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर क्षेत्र के 4 फीट ऊंचे प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित होंगे.
23 अगस्त को अयोध्या पहुंचेगी यात्रा
बताया गया है कि एमपी के उज्जैन, ब्यावरा, शिवपुरी, कानपुर होते हुए करीब 1 हजार किमी का सफर तय करके नर्मदेश्वर शिवलिंग यात्रा 23 अगस्त को अयोध्या पहुंचेगी. यहां पर पहुंचने के बाद शिवलिंग आगमन को लेकर भव्य कार्यक्रम की तैयारी की जा रही हैं. अयोध्या पहुंचने पर राम जन्मभूमि न्यास हो ये शिवलिंग सौंपा जाएगा.
भूतल तैयार, प्रथम तल की निर्माण शुरु
बता दें कि, श्री राम जन्मभूमि मंदिर भूतल बनकर तैयार हो गया है. अब प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है. प्रथम तल पर खंभे भी खड़े हो चुके हैं. प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट है. माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में जब रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के भूतल में स्थित गर्भ गृह में होगी, उस समय तक प्रथम तल की छत भी पड़ चुकी होगी.
श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है, जिसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है. मंदिर की दीवारों और छतों पर भी खूबसूरत नक्काशी की गई है. रामलला के लिए तैयार किए गए गर्भगृह का सफेद मार्बल से बनाया गया है. गर्भ गृह की दीवारों और छत पर खूबसूरत और बारीक नक्काशी की जा रही है. गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के है.