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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से ‘चिंता’ में 57 मुस्लिम देश….


OIC यानी 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर आपत्ति जाहिर की है। साथ ही कहा है कि इस स्थान पर पहले 5 दशकों से बाबरी मस्जिद खड़ी थी। इससे पहले पाकिस्तान ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवाल उठाए थे और कहा था कि यह ‘भारत के लोकतंत्र पर धब्बे की तरह बनेगा।’ सोमवार को हजारों मेहमानों की मौजूदगी में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हुआ है।

OIC की तरफ से मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया, ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन OIC महासचिवालय भारत के शहर अयोध्या में जिस स्थान पर पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस किया गया था, वहां हाल ही में राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता जाहिर करता है।’

साथ ही कहा गया, ‘पिछले सत्रों में विदेश मंत्रियों के परिषद की तरफ से जाहिर रुख के अनुसार, महासचिवालय उन कामों की निंदा करता है, जिनका उद्देश्य बाबरी मस्जिद के प्रतिनिधित्व वाले इस्लामिक स्मारकों को नष्ट करना है।’


पाकिस्तान सरकार ने भी मंदिर निर्माण को ‘गंभीर खतरा’ करार दिया था। विदेश कार्यालय ने कहा, ‘पिछले 31 वर्षों के दौरान के घटनाक्रम के बाद आज का प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। यह भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने के लिए किये जा रहे प्रयास के तहत उठाया गया कदम है।’ इसके अनुसार, ‘भारत में ‘हिंदुत्व’ की बढ़ती विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा है।’

आगे कहा गया, ‘भारत के दो बडे़ राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने बाबरी विध्वंस या राम मंदिर के उद्घाटन का हवाला देते हुए कहा है कि ये पाकिस्तान के कुछ हिस्सों को दोबारा हासिल करने की ओर पहला कदम है।’

FO ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरती भाषण पर संज्ञान लेना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित अंतराष्ट्रीय संगठनों को भारत में चरमपंथी समूहों से इस्लामिक विरासतों को बचाने और अल्पसंख्यकों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों को बचाने में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।’

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