देश

हिंदू शिक्षिका हत्याकांड.. मुझसे बोल कर गई थी रजनी.. भैया मेरा तबादला हो गया है

(शशि कोन्हेर) : सुबह के 10 बज रहे थे। जिला कुलगाम से करीब आठ किलोमीटर दूर गोपालपोरा बस स्टाप पर रोजाना की तरह रजनी बाला को उनके पति राजकुमार ने छोड़ा। इसके बाद वह पैदल ही स्कूल की तरफ चल पड़ी। स्कूल और बस स्टाप में ज्यादा दूरी नहीं थी।

वहीं, मोड़ पर स्थित एक स्थानीय दुकानदार को रोजाना की तरह मिलते ही बोली, …भैया नमस्ते। आज मुझे तबादले का आदेश मिल जाएगा, फिर मैं वहीं चवलगाम के स्कूल में ही पढ़ाऊंगी। दुकानदार ने हंसते हुए कहा, यह तो अच्छा हुआ, लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगा, जब आप चली जाओगी तो फिर मुझे रोज कौन कहेगा कि भैया नमस्ते। फिर वह हंसा और बोला, अच्छा स्कूल से लौटते हुए जरूर मिलना।

रजनी बाला स्कूल की तरफ बढ़ी और दुकानदार अपने सामान को सहेजने लगा। अचानक गोलियों की आवाज गूंजी। स्कूल के भीतर मौजूद कुछ छात्र और अध्यापक बाहर की तरफ दौड़े, दुकानदार भी स्कूल की तरफ भागा तो देखा कि वहां रास्ते में खून से लथपथ रजनी बाला गिरी हुई थीं। पास ही उनका लाल रंग का पर्स और जूते भी पड़े थे।

कुछ समय पहले तक चहक रही रजनी बाला जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। उनकी सांस थमती जा रही थी। उनकी हालत देखकर विद्यार्थी घबरा गए। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। किसी ने गांव के प्रधान को सूचित किया। वह भी मौके पर पहुंच गए और फिर उन्होंने रजनी बाला को उठाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया।

रजनी बाला की मौत से आहत दुकानदार ने कहा कि शिक्षिका ने किसी का क्या बिगाड़ा था, वह हमारे मजहब की नहीं थी तो क्या हुआ? वह मेरी बहन जैसी थी। यहां रोज-रोज का कत्ल क्यों हो रहा है, एक ही दिन हम सभी को कत्ल कर दो, मुझसे यह सहन नहीं होता। वह आते जाते रोज मुझसे मेरा हाल पूछती। …अब मुझे कौन कहेगा भैया नमस्ते।

गांव के प्रधान ने कहा कि पुलिस और सेना के जवानों के पहुंचने के बाद ही स्कूल से छात्र-छात्राएं अपने घर जाने के लिए साहस जुटा पाए। सभी डरे और सहमे हुए थे। गांव के प्रधान ने कहा कि रजनी बाला के जूते और बैग जमीन पर जिस तरह से पड़े हुए थे, उसे देखकर मैं कह सकता हूं कि उन्होंने जान बचाने का प्रयास किया होगा। गोली उनके सिर में मारी गई थी। स्कूल के साथ सटे मकान में रहने वाली साजा बेगम ने कहा कि गोली की आवाज सुनकर जब मैं अपने घर से बाहर निकली तो मैंने रजनी को जमीन पर गिरते देखा। कुछ लोग उस पर गोली चलाकर भागे थे। वह कौन थे, मुझे नहीं पता। उसे क्यों कत्ल किया गया, यह भी मुझे नहीं पता। उसकी एक बच्ची भी है, उस मासूम का अब क्या होगा।

आठवीं की छात्रा नादिया ने कहा कि हमने गोली चलने की आवाज सुनी। उस समय हमारी एसेंबली चल रही थी। पहले लगा कि माईक फटा है। बच्चों ने भागना शुरू कर दिया था। हमने रजनी मैडम को सड़क पर गिरा देखा। कोई नहीं बता रहा था कि क्या हुआ। निसार नामक छात्र ने कहा कि हमारी मैडम को किसी ने गोली मार दी, उनकी जान चली गई। वह बहुत अच्छा पढ़ाती थीं और हमेशा हमारे साथ हंसकर बात करती थी।

मीर जुनैद ने कहा कि रजनी बाला की हत्या सिर्फ उनके मजहब और उनके जम्मू निवासी होने के कारण हुई है। यहां बहुत से लोग इस पाशविक आतंकवाद का समर्थन करते हैं। जब तक हम सच नहीं बोलेंगे, यहां कत्ल नहीं रुकेंगे। अगर मजहब उसके कत्ल की वजह नहीं है तो फिर स्कूल में बहुत सारे मुस्लिम अध्यापक थे, उन्हें क्यों कत्ल नहीं किया गया। यह कत्ल हम कश्मीरियों की तहजीब और कश्मीरियत का कत्ल है। वह दुकानदार सही कह रहा है कि हम सभी को एक ही बार में कत्ल कर दो, ताकि हम रोज यूं कत्ल न हों।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button