एयरपोर्ट पर मास्क नहीं लगाया…तो नहीं भर पाएंगे उड़ान.. जानें… और क्या क्या है नियम.?
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – एयरपोर्ट और विमान के अंदर काेरोना महामारी के दिशानिर्देशों के तहत मास्क न पहनने वाले यात्रियों से सख्ती से निपटने का निर्देश दते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे यात्रियों का नाम नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल किया जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि आदेश तो जारी हो जाते हैं, लेकिन समस्या यह है कि जमीन पर इसका अनुपालन नहीं जाता है। पीठ ने विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश दिया कि एयरपोर्ट व एयरक्राफ्ट स्टाफ के साथ ही एयर होस्टेस, कैप्टन-पायलट को मास्क नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा जाए।
हाई कोर्ट द्वारा शुरू की गई जनहित याचिका पर पीठ ने कहा कि मास्क निमयों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ मामला दर्ज करके जुर्माना लगाया जाए। पीठ ने कहा कि इस संबंध में कदम उठाए जाएं और डीजीसीए एक्शन टेकन रिपोर्ट 18 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर पेश करे।
सुनवाई के दौरान डीजीसीए की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता रंजना गोसाई ने पीठ को बताया कि खाना खाने या फिर कुछ पीने के दौरान ही ढ़ील दी जाती है और इस संबंध में पर्याप्त आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि, पीठ ने कहा कि आदेश जारी करने में कोई सवाल नहीं उठा रहा है, लेकिन समस्या यह है कि जमीनी स्तर पर इसे लागू करने में एजेंसी नाकाम रही है। एयर होस्टेस को इसे अनुपालन कराना होगा और जो यात्री इसका अनुपालन न करें उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। पीठ ने कहा कि अब भी महामारी गई है और समय-समय पर इसका प्रभाव दिखाई देता है।
ऐसे में जरूरी है कि नियमों का अनुपालन सख्ती से किया जाए। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जबकि कोरोना महामारी का प्रभाव फिर दिखाई दे रहा है, ऐसे में यह आदेश प्रभावी होगा। उन्होंने माहमारी नियमों का अनुपालन कराया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने मार्च 2021 में एयरपोर्ट पर यात्रियों द्वारा मास्क नहीं पहनने की खतरनाक स्थिति का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की थी। कुछ न्यायमूर्तियों ने एयरपोर्ट पर निमयों का अनुपालन नहीं होने का अनुभव किया था और इसका संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने डीजीसीए को निर्देश दिए थे।