विदेश

इमरान का विवादित बयान…भारत के पास पाकिस्तान के विभाजन की योजना..

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्‍ली – पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने एक विवादित बयान को लेकर फ‍िर सुर्खियों में हैं। इमरान ने पाकिस्‍तान को तीन टुकड़ों में तोड़ने की बात को लेकर पाकिस्‍तान में सियासत गरम हो गई है। उनका यह विवादित बयान बोल न्‍यूज के साथ साक्षात्‍कार में सामने आया है। पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर सेना ने सही फैसला नहीं लिया तो देश तीन टुकड़ों में बंट जाएगा। इमरान ने दावा किया है कि विदेशों में भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्‍तान को अलग करने की योजना बना रहा है। भारतीय थ‍िंक टैंक के पास योजनाएं हैं। इसी लिए मैं चेतावनी दे रहा हूं। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान आत्‍महत्‍या की कगार पर है और अगर सही फैसले नहीं लिए गए तो इसका सबसे पहला शिकार सेना होगी और यूक्रेन की तरह से हमारे भी परमाणु बम चले जाएंगे। क्‍या सच में पाकिस्‍तान में इस तरह का संकट पैदाहो गया है। इसके कूटनीतिक मायने क्‍या हैं। क्‍या इसका पाकिस्‍तान और भारत के रिश्‍तों पर असर पड़ेगा।

1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि इस समय पाकिस्‍तान की राजनीति में भारत केंद्र बिंदु में है। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान के सत्‍ता से हटने के बाद वह इस तरह के विवादित बयान दे रहे हैं। इसके पूर्व भी वह दो बार अपने विवाद‍ित बयान के कारण सुर्खियों में रहे है। प्रो पंत ने कहा कि पाकिस्‍तान में महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज के चलते इमरान खान सत्‍ता से बेदखल हुए हैं। ऐसे में पाकिस्‍तान में विपक्ष के पास घेरने के लिए कोई ज्‍वलंत मुद्दा नहीं है। इसलिए वह बार-बार पाकिस्‍तान के लोगों को भारत का भय दिखाकर सत्‍ता पक्ष को घेरना चाह रहे हैं।

2- उन्‍होंने कहा कि देश के आंतरिक हालात के लिए सत्‍ता में आए शहबाज शरीफ की सरकार ने अपने पूर्ववर्ती इमरान सरकार को दोषी ठहराया है। ऐसे में इमरान आंतरिक मामलों में कुछ भी नहीं बोल पाने की स्थिति में हैं। इसलिए वह लगातार पाकिस्‍तान की विदेश नीति पर सवाल उठा रहे हैं। खासकर भारत का मुद्दा उठा रहे हैं। प्रो पंत ने कहा कि पाकिस्‍तान के लिए यह कोई नई प्रथा नहीं है। पाकिस्‍तान भारत के जरिए अपनी आंतरिक राजनीति को संतुलित करता है। यह प्रयोग अक्‍सर पाकिस्‍तान के राजनीतिज्ञ करते रहते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत पाकिस्‍तान न केवल एक पड़ोसी मुल्‍क हैं, बल्कि दोनों के बीच एक प्रतिस्‍पर्द्धा भी चलती रहती है। आजादी के बाद से पाकिस्‍तान अक्‍सर अपनी तुलना भारत से करता रहता है। पाकिस्‍तान की सामरिक रणनीति तो भारत के मद्देनजर ही तैयार होती है।

3- उन्‍होंने कहा‍ कि पाकिस्‍तान के राजनीतिज्ञ भारत का इस्‍तेमाल एक टूल के रूप में करते रहे हैं। पाकिस्‍तान के लोगों पर इसका गहरा मनौवैज्ञानिक असर पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि जब इमरान खान भारत की तारीफ करते हैं तो वह व‍िपक्ष पर तंज कसते हैं। इमरान वस्‍तुत: भारत की तारीफ के जरिए यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वह हमारे मुल्‍क से कितना आगे निकल गया है। इसके जरिए वह यह दिखाना चाहते हैं कि हमारा प्रतिद्वंद्वी भारत हमसे आगे है। यह एक तरह से पाकिस्‍तान में सत्‍ता पक्ष की निंदा है।

4- प्रो पंत ने कहा कि भारत का विरोध पाकिस्‍तान के डीएनए में है। उन्‍होंने कहा कि भारत वहां की राजनीति के लिए बड़ा मसला है। इसका असर पाकिस्‍तान की विदेश नीति में भी देखा जा सकता है। प्रो पंत ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और भारत की निकटता की वजह से पाकिस्‍तान के सुर वाशिंगटन के विरोधी हो गए थे। उन्‍होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ा कारण भारत भी रहा है। उन्‍होंने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में पाकिस्‍तान और अमेरिका के रिश्‍ते काफी तल्‍ख हो गए थे। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान और चीन की निकटता का प्रमुख कारण भारत है।

इमरान खान ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा था विदेशों में भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्‍तान को अलग करने पर जोर दे रहा है। भारतीय थिंक टैंक के पास योजनाएं हैं। यही वह वजह है जिसके कारण मैं दबाव डाल रहा हूं। इमरान ने कहा कि भारतीय उन्‍हें इसलिए पसंद नहीं करते हैं क्‍योंकि वह स्‍वतंत्र विदेशी नीति का पालन करते हैं। मेरी सत्‍ता जाने और शहबाज के पीएम बनने के बाद भारत में जश्‍न मनाया गया था। पूर्व पाकिस्‍तानी पीएम ने कहा कि अगर इस बार सही फैसला नहीं लिया गया तो देश आत्‍महत्‍या की ओर जा रहा है। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि इमरान का बयान इस बात का सबूत है कि वह राजनीति नहीं बल्कि साजिश में शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान देश में अराजकता फैलाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। शहबाज ने कहा कि सत्‍ता खोने का मतलब यह नहीं है कि आप पाकिस्‍तानन, उसकी एकता और संस्‍थानों के खिलाफ युद्ध छेड़ दो।

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