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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा कि….पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं वरन शासन का कानून चल रहा…?

(शशि कोन्हेर) :पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके राज्य में कानून का शासन नहीं है क्योंकि यह एक शासक द्वारा शासित किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रदेश में कानून व्यवस्था की जगह तानाशाही करने के आरोप लगाए हैं।

बंगाल में कानून व्यवस्था नहीं होने का आरोप

राज्यपाल धनखड़ ने अपने एक बयान में कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहते हुए भयानक स्थिति और चुनौतियों को देखा है। धनखड़ इन दिनों उदयपुर की यात्रा पर हैं, यहां उन्होंने कहा कि, मैंने राज्यपाल के रूप में भयानक स्थिति और चुनौतियों को देखा है। मैंने शासन को संवैधानिक व्यवस्था से परे जाते देखा है। मैंने ऐसी स्थिति देखी है जहां कानून का शासन नहीं है, लेकिन एक शासक है। उदयपुर यात्रा के दौरान धनखड़ कई कार्यक्रमों में शामिल हुए।

बंगाल में लोकतंत्र को लेकर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उदयपुर में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल में शासन लोकतांत्रिक व्यवस्था के मानकों से मेल नहीं खाता है। उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा को लेकर नाराजगी व्यक्त की।

धनखड़ ने कहा कि, मैं चुनाव के बाद राज्य में हुई उग्र हिंसा को परिभाषित नहीं कर सकता। मैंने एक ऐसा राज्य देखा है जहां आप अपने जीवन के साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान की कीमत चुकाते हैं। मैंने इसे अपनी आंखों से देखा है और दर्द महसूस किया।

राज्यपाल और सीएम के तल्ख रिश्ते

आपकों बता दें, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के रिश्ते हमेशा से तल्ख रहे हैं। राज्यपाल बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं।

इससे पहले राज्यपाल ने बीरभूम हिंसा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया था और कहा था कि टकरावपूर्ण असंवैधानिक रुख पर फिर से विचार करने का समय आ गया है। ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों को बहाल किया जा सके और लोगों को दमनकारी, डर और पीड़ा से राहत मिल सके।

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