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भारत ने ओआईसी के बयान को संकुचित बताते हुए पाकिस्तान को दी नसीहत…..

(शशि कोन्हेर) : भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैंगबर मुहम्मद साहब पर दिए गए बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने भी आपत्ति जताई है। और कहा कि भारत की सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक व्यक्ति के दिए विवादास्पद बयान की वो कड़ी आलोचना करता है। ओआईसी के इस बयान पर अब भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उसका कहना है कि ओआईसी का बयान बेहद संकीर्ण सोच और गैर जरूरी है।

सोमवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची द्वारा जारी बयान में कहा है कि हमने ओआईसी के बयान को देखा है। भारत सरकार उनके इस बयान को स्पष्ट रूप से खारिज करती है। ओआईसी का बयान बेहद अनुचित और संकीर्ण सोच वाला है। भारत सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। किसी व्यक्ति द्वारा किसी धार्मिक व्यक्ति के प्रति किया गया आक्रामक ट्वीट या बयान का मतलब यह नही है कि वह भारत सरकार के नजरिए का प्रतिनिधित्व करता है। संबंधित पक्ष द्वारा उन व्यक्तियों के खिलाफ पहले से ही सख्त कार्रवाई की जा चुका है।

इसलिए यह बेहद खेदजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने फिर से प्रेरित, भ्रामक और शरारतपूर्ण टिप्पणी की है। यह केवल निहित स्वार्थों के इशारे पर अपनाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है। हम ओआईसी सचिवालय से अपने सांप्रदायिक दृष्टिकोण को रोकने और सभी धर्मों और धर्मों के प्रति उचित सम्मान दिखाने का आग्रह करेंगे।

इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के ट्वीट और विदेश मंत्राय के बयान पर भी भारत ने प्रतिक्रिया व्यक्ती की है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान करती है। पाकिस्तान का बयान बिल्कुल विपरीत है जहां कट्टरपंथियों की प्रशंसा की जाती है और उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं। हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह खतरनाक दुष्प्रचार करने और भारत में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने के बजाय अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान दे।

भाजपा प्रवक्त नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल की दिप्पणी के बाद ओआईसी ने कई ट्वीट कर कहा था कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से हिंसा बढ़ रही है। साथ ही उन पर पाबंदियां लगाई जा रही है। इसके अलावा उसने हिजाब बैन और मुसलमानों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी खबरों का भी हवाला अपने ट्वीट पर दिया है। उसने यह मांग की है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयान देने वालों और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की जाए।

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