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मां गंगा के अवतरण दिवस पर होगी, गंगा दशहरा की धूम, बाल्टी के पानी में गंगाजल डालकर भी कर सकते हैं स्नान…इस तारीख को है यह महापर्व

(शशि कोन्हेर) : ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाए जाने का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धरती पर मां गंगा अवतरित हुई थीं. इसलिए इस शुभ तिथि को गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है. इस बार गंगा दशहरा 9 जून को मनाया जाएगा और इस दिन चार शुभ संयोग भी बन रहे हैं.

हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गंगा दशहरा पर ग्रह-नक्षत्रों से मिलकर चार शुभ योग बन रहे हैं. गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध रहेगा।

इससे गज केसरी और महालक्ष्मी योग का निर्माण होगा. वहीं, वृष राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा. इसके अलावा, सूर्य और चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा. इस शुभ घड़ी में दान स्नान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा.

हस्त नक्षत्र में करें शुभ कार्य


ज्योतिषियों का यह भी कहना है कि गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा. मां गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं।

इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल माने जाते हैं. गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा.

गंगा दशहरा पर स्नान मुहूर्त


गंगा दशहरा की दशमी तिथि गुरुवार, 9 जून 2022 को सुबह 8 बजकर 23 मिनट से लेकर शुक्रवार, 10 जून को सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इस बीच आप शुभ घड़ी देखकर किसी भी समय आस्था की डुबकी लगा सकते हैं. यदि आपके लिए गंगा घाट पर जाकर स्नान करना संभव नहीं है तो बाल्टी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.

गंगा स्नान का शुभ समय

शुभ चौघड़िया- सूर्योदय से लेकर 7 बजकर 7 मिनट तक
शुभ योग- सुबह 8 बजकर 23 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक
सफलता योग- सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक

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