गुणवत्ताहीन काम से ग्रामीण नाराज, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में हो रहा है खुलेआम भष्ट्राचार
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भारी भ्रष्टाचार और गड़बड़ी सामने आ रही है। ऐसा लग रहा है कि अधिकारियों और ठेकेदारों को जनता के पैसों को लूटने की खुली छूट दे दी गई है। शायद यही वजह है कि लोगों की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
ग्रामीण इलाकों में बनाए जा रहे प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की सडक़ों के निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। क्षेत्रीय अफसर और ठेकेदार मिलीभगत कर कम लागत में दोयम दर्जे की निर्माण कर शासन के करोड़ों रुपए डकार रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को या तो इनकी कारगुजारियों का पता नहीं है या फिर पता होने के बाद भी कमीशनखोरी के चक्कर में कोई कार्रवाई अथवा जांच नहीं हो रही है।
सडक़ों के निर्माण में मापदंडों और गुणवत्ता का कहीं भी ख्याल नहीं रखा गया है। मटेरियलों के इस्तेमाल में भी तय मापदंड नहीं अपनाए गए हैं। जिला मुख्यालय से लगे पंचायतों में इस योजना के तहत बनी और बनाई जा रही सडक़ों में व्यापक गड़बडिय़ों की शिकायतें मिल रही हैं।
ताजा मामला ग्राम पंचायत सेमरताल का है। यहां सड़क तो जैसे तैसे बन कर तैयार हो गया है,लेकिन अब सड़क किनारे बनाई जा रही नाली को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। बिना मापदंड ,गुणवत्ताहीन नाली का निर्माण कराया जा रहा है। इस नाली में एक सरिया का भी उपयोग नही किया जा रहा है,ठेकेदार जैसे पा रहा है वैसा यहां काम हो रहा है,जिससे ग्रामीण खासे परेशान हैं।
संबंधित विभाग के अधिकारी न तो निर्माण कार्यो की समय-समय पर मॉनिटरिंग करते हैं न ही वस्तु स्थिति की जानकारी उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हैं। विभाग टेंडर जारी कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं और सारा काम निचले स्तर के अधिकारियों की देखरेख में होता जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर ठेकेदारों को घटिया निर्माण का अवसर देते हैं।