राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक आज… शरद पवार ने कहा.. मैं चुनाव नहीं लडूंगा, नामांकन भी आज से शुरू
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने मंथन शुरू कर दिया है। सभी विपक्षी दल मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहते हैं। इसके लिए पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का नाम आगे चल रहा था लेकिन खबर है कि उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। बुधवार को दिल्ली में विपक्षी दलों की एक बैठक होगी जिसमें इस बाबत रणनीति तैयार की जा सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह बैठक बुलाई है जिसमें माकपा और भाकपा का शीर्ष नेतृत्व शामिल नहीं होगा।
बैठक से पहले ममता ने मंगलवार को राकांपा नेता शरद पवार से मुलाकात कर राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की। शरद पवार ने इस बैठक में साफ कर दिया कि वे विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं विपक्ष की बागडोर थामने की कसरत के तहत दीदी की बुलाई गई इस बैठक को लेकर असहज होने के बावजूद कांग्रेस और वामदलों ने विपक्षी खेमे में किसी तरह के बिखराव को रोकने के लिए इसमें शामिल होने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्षी नेताओं की बैठक का एलान करने में लीड लेने के बावजूद विपक्ष के कई शीर्ष नेताओं व मुख्यमंत्रियों के नहीं आने की भनक ने दीदी को बेचैन कर दिया है। इसीलिए दिल्ली पहुंचते ही ममता सबसे पहले पवार से मिलने उनके घर पहुंचीं। इसकी तस्वीर खुद पवार ने ट्विटर पर शेयर की। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान पवार ने ममता को भी साफ कर दिया कि वे विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने के इच्छुक नहीं हैं। सभी को मिलकर नए उम्मीदवार पर सहमति बनानी होगी। पवार से मिलने के बाद भाकपा नेता डी राजा ने भी कहा कि राकांपा प्रमुख ने राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इन्कार किया है।
पवार ने दीदी को यह समझाने का भी प्रयास किया कि राष्ट्रपति चुनाव को विपक्षी नेतृत्व की कमान थामने के राजनीतिक मकसद के रूप में इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि पवार अपनी तरफ से कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे के नेता गुलाम नबी आजाद को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने की संभावना टटोल रहे हैं। उन्होंने वामदलों के नेताओं और ममता दोनों की मंशा की थाह ली। बहरहाल, चाहे मजबूरी में ही सही मगर विपक्षी एकता की खातिर कांग्रेस और वामदलों के बैठक में शामिल होने के संदेश के बाद ममता बनर्जी की बुधवार को प्रस्तावित बैठक राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्ष की पहली औपचारिक मंत्रणा होगी। इसमें विपक्षी खेमे का कोई अन्य बड़ा मुख्यमंत्री शामिल होगा, इसकी संभावना कम ही है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो रही है। राज्यसभा सचिवालय ने निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद चुनाव के लिए विशेष सेल गठित किया है। 18 जुलाई को चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। विशेष कार्य अधिकारी मुकुल पांडे और राज्यसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव सुरेंद्र त्रिपाठी को सहायक निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है।