सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने किया, रोड ऑडिट…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के 3 सदस्ययीय टीम शनिवार को शहर पहुंची और रोड ऑडिट की. सबसे पहले पुलिस ऑफिसर मेस मे टीम ने यातायात,निगम,पीडब्ल्यूडी, आरटीओ, राष्ट्रीय राजमार्ग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली.
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण सामने आए हैं। इनमें तेज गति, लापरवाही, संकेतक न लगा होना व ख़राब सड़कें शामिल हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के रोड आडिट में यह बात सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टीम ने शनिवार को बिलासपुर जिले का निरीक्षण किया. टीम में जय मिस्त्री, हीरेन गंगवानी और भाविन शाह शामिल है. उन्होंने सबसे पहले बिलासपुर पुलिस मेस में यातायात निगम पीडब्ल्यूडी आरटीओ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली. इस दौरान बैठक में अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) संजय शर्मा भी शामिल थे. मीडिया से बातचीत करते हुए संजय शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए किए गए उपायों की ग्राउंड लेवल पर जांच के लिए यह टीम आई हुई है और जल्द ही इसके रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर उन्होंने कहा कि तीन-चार साल के आंकड़े देखी जाए तो 5000 मौत प्रतिवर्ष हो रहे हैं.वहीं घायलों की संख्या 12000 से 15 हजार है. उन्होंने आंकड़े स्थिर बताते हुए इसके उपाय की बात कही.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सदस्यो की टीम मुख्यतः 4 बिंदुओं पर जांच कर रही है. पहला कि लोग यातायात को लेकर कितने जागरूक हैं और उन्हें इसकी कितनी जानकारी है. दूसरा इंजीनियरिंग. तीसरा इंफोर्समेंट. और चौथा इमरजेंसी के दौरान घायलों को तत्काल मिलने वाले उपचार.
टीम के सदस्यों ने यातायात थाना भी पहुंचकर उपकरणों की जांच की और लोगों के बीच यातायात नियमों को लेकर चलाए जा रहे अभियान को लेकर भी जानकारी ली. टीम के सदस्यों ने शहर सहित आउटर क्षेत्र का निरीक्षण किया इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण, ब्लैक स्पॉट का चिन्हांकन एवं सुधारात्मक कार्य, रोड सेफ्टी के जागरूकता के लिए किए गए प्रयास, सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक, ओव्हरलोडिग सहित अन्य प्रकरणों में की गई कार्रवाई, आकस्मिकता की स्थिति के लिए एंबुलेंस की पर्याप्तता, स्वास्थ्य विभाग, हाईवे एवं अन्य विभागों में समन्वय, रोड सेफ्टी आडिट आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा कर अधिकारियों को निर्देश गए.