तीस्ता सीतलवाड़ के घर पर धमकी… गुजरात एटीएस की टीम..गिरफ्तारी के आसार
(शशि कोन्हेर) : गुजरात एटीएस की टीम ने शनिवार को तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित आवास का दरवाजा खटखटाया। रिपोर्ट के मुताबिक एटीएस की टीम तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ पर एक केस की छानबीन के सिलसिले में पहुंची थी। एटीएस ने पहले तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया। इसके बाद वह उनको मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन पर पहुंची। सूत्रों की मानें तो एटीएस की टीम तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर गुजरात रवाना होने वाली है। यह बात साफ दिखाई दे रही है कि गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे परी तीस्ता सीतलवाड़ के अब बुरे दिन आने शुरू हो गए हैं। और हो सकता है कि उन्हें अपनी हरकतों के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है।
मालूम हो कि आज ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ने गुजरात दंगों के बारे में आधारहीन जानकारियां दी थीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है। फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है। तीस्ता सीतलवाड़ के द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी।
यह घटना ऐसे वक्त में सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों पर पीएम मोदी को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए कठोर टिप्पणियां की थी। साथ ही शीर्ष अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ जांच की जरूरत भी बताई थी। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री मोदी को एसआईटी की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा था कि मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में सीतलवाड़ की भूमिका पर छानबीन की जरूरत बताई थी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था जो लोग और अधिकारी कानून का खिलवाड़ कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि 2002 के दंगों पर झूठी जानकारी देने के लिए असंतुष्ट अधिकारियों को भी न्याय के दायरे में लाने की जरूरत है। उक्त याचिका सियासी सरगर्मी बनाए रखने के लिए गलत और आधारहीन तथ्यों के आधार पर दाखिल की गई।