संजय राउत की अभद्र भाषा के कारण, सत्ता खोने के कगार पर पहुंची शिवसेना
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की गुजरात में हुई मुलाकात से संबंधित रिपोर्टों पर दीपक केसरकर ने बीबीसी मराठी के संपादक आशीष दीक्षित और बीबीसी संवाददाता मयंक भागवत को बताया, “हमने एकनाथ शिंदे को सभी अधिकार दिए हैं. उन्हें (एकनाथ शिंदे) पूरा अधिकार दिया गया है. वे बीजेपी से बात कर सकते हैं. वे अपनी पार्टी से बात कर सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं. लेकिन वह जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं.”
‘बाग़ी विधायक गुवाहाटी में कब तक रहेंगे, कभी तो चौपाटी आएंगे…’, संजय राउत के इस बयान पर उन्होंने कहा, “जब संजय राउत साहेब बोलते हैं, तो एक भाषा होती है जो लोगों को पसंद आती है. लोग अभद्र भाषा पसंद करते हैं. लेकिन सच तो यह है कि ये लोकतंत्र का मंदिर है और इसका नाम विधानसभा है. उस विधानसभा में ये तय होता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा और महाराष्ट्र पर कौन शासन करेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए उन्हें चौपाटी की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस भाषा को बोलकर शिवसेना सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है. कुछ हद तक यह अभद्र भाषा भी उसका कारण बनती है. बालासाहेब के नेतृत्व में 40-50 वर्षों तक काम करने वाले लोगों से आज आप जिस तरह से बात करते हैं, क्या वो शोभा देती है?”