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कभी ठाणे की सड़कों पर ऑटो चलाते थे एकनाथ शिंदे, अब बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री…..

(शशि कोन्हेर) : एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. वे आज शाम 7.30 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद कल से कयास लगाए जा रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे और एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, लेकिन गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर देवेंद्र फडणवीस ने यह ऐलान कर सभी को चौंका दिया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए सीएम बनेंगे और भाजपा उन्हें अपना समर्थन देगी.

महाराष्ट्र में 9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ शिंदे सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आते हैं और मराठी समुदाय से हैं. एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की और इसके बाद वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे. ऑटो रिक्शे चलाते-चलाते एकनाथ शिंदे अस्सी के दशक में शिवसेना से जुड़े गए और पार्टी के एक आम कार्यकर्ता के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया है.

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे ठाणे जिले के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एकनाथ शिंदे की गिनती होती है. लोकसभा का चुनाव हो या नगर निकाय का, ठाणे में जीत के लिए एकनाथ शिंदे का साथ जरूरी माना जाता है. हालांकि, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर काम किया और ठाणे के प्रभावशाली नेता आनंद दीघे के उंगली पकड़कर आगे बढ़े.

एकनाथ शिंदे 1997 में ठाणे महानगर पालिका से पार्षद चुने गए और 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने.
इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने. इसके अलावा तीन साल तक पॉवरफुल स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य रहे. हालांकि, दूसरी बार पार्षद चुने जाने के दो साल बाद ही विधायक बन गए, लेकिन शिवसेना में सियासी बुलंदी साल 2000 के बाद छुआ.

ठाणे इलाके में शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद दीघे का साल 2000 में उनके निधन हो गया. इसके बाद ही बाद ठाणे में एकनाथ शिंदे आगे बढ़े. इसी बीच 2005 में नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ दी, जिसके बाद एकनाथ शिंदा का कद पार्टी में बढ़ता चला गया. राज ठाकरे के शिवसेना छोड़ने के बाद एकनाथ शिंदे क ग्राफ शिवसेना में तो बढ़ा ही बढ़ा और ठाकरे परिवार के करीबी भी बन गए. उद्धव ठाकरे के साथ एकनाथ मजबूती से खड़े रहै.


मातोश्री के सबसे करीबी नेताओं की लिस्ट में एकनाथ शिंदे का नाम सबसे पहले लिया जाता था. एकनाथ शिंदे ठाणे की कोपरी-पंचपखाड़ी सीट से साल 2004 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. शिवसेना के टिकट पर 2004 में पहली बार विधानसभा पहुंचे शिंदे इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना के टिकट पर कल्याण लोकसभा सीट से सांसद हैं. इस तरह से एकनाथ शिंदे ने नगर पलिका के पार्षद से विधायक और मंत्री तक का सफर तय किया.

एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल के ताकतवर मंत्रियों में से एक थे तो उनकी सियासी तूती बोलती थी. साल 2019 की चुनावी जंग जीतकर जब वे चौथी बार विधानसभा पहुंचे, शिवसेना और उसकी तब गठबंधन सहयोगी रही बीजेपी के बीच बात बिगड़ गई. शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. तब आदित्य ठाकरे को नेता चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं. शिवसेना विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया.

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