बिलासपुर

लंबित मर्ग प्रकरणों की आईजी ने की समीक्षा

(आशीष मौर्य) :  आईजी रतनलाल डांगी ने सोमवार को बिलासपुर जिले की लंबित मर्ग प्रकरणों की समीक्षा की, एसएससी पारुल माथुर सहित राजपत्रित अधिकारियों से आईजी ने थानेवार  लंबित मर्ग की जानकारी ली, कार्रवाई से संतुष्ट आईजी ने अधिकारियों के कार्यों की सराहना की.

लंबित मार्ग प्रकरण की समीक्षा करते हुए आईजी ने बताया कि बीते सालों में जिले में कुल 15 सौ से अधिक मर्ग विभिन्न थानों में दर्ज हुए. जिस में सर्वाधिक मामले वर्ष 2022 के हैं. आईजी ने कहा कि मर्ग  प्रकरणों की अधिकारियों ने समय सीमा के भीतर जांच की नतीजा यह रहा कि वर्तमान में 600 मर्ग प्रकरण लंबित हैं।

उन्होंने जिले में हुई मर्ग जाँच में संतुष्टि जाहिर करते हुए अपने मातहतों  के कार्यों की सराहना की. लंबित मर्ग प्रकरण बैठक में एसएसपी पारुल माथुर, एडिशनल एसपी गरिमा दिवेदी, सीएसपी मंजू लता बाज, कोटा एसडीओपी आशीष अरोरा, सहायक पुलिस महानिरीक्षक दीपमाला कश्यप सहित  अधिकारी मौजूद रहे

मर्ग मामले में अस्पतालों से देरी में मिलने वाले पीएम रिपोर्ट और पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों के द्वारा कई मामलों में अस्पष्ट राय के कारण पुलिस की जांच प्रभावित होती है. आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि डॉक्टरों को स्पष्ट राय देनी चाहिए इससे जांच में काफी मदद मिलती है।

कई मर्ग प्रकरणों में चिकित्सकों द्वारा स्पष्ट  अभीमत नहीं देने के कारण, मृतक का बिसरा सुरक्षित रखा जाता है. फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट देरी में आने के कारण जांच प्रभावित होती है. जांच रिपोर्ट के बिना  पुलिस की कार्रवाई की दिशा भी तय नहीं हो पाती।

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