सांसदों ने उद्धव ठाकरे को धर्म संकट में डाला…संजय राऊत से जताई नाराजगी.. और राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुरमू को समर्थन देने की बात कही
(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना के अधिकांश सांसदों ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की मांग कर उद्धव ठाकरे को धर्म संकट में डाल दिया है। शिवसेना के ज्यादातर सांसद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के पक्ष में हैं।
बैठक में शामिल हुए सांसदों में भी ज्यादातर ने उद्धव ठाकरे से राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की अपील की। राजग उम्मीदवार को समर्थन करके ये सांसद भाजपा से बिगड़े संबंधों को भी सुधारने की दिशा में एक संकेत भी देना चाहते हैं।
बैठक में सात लोकसभा सदस्यों की अनुपस्थिति और उपस्थित सांसदों द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील ने स्थिति साफ कर दी है कि यदि उद्धव ने अपने सांसदों की बात नहीं मानी तो शिवसेना संसदीय दल में भी बंटवारा तय है। बताया जाता है कि अनुपस्थित रहे सात में से तीन सांसदों ने उद्धव को फोन कर कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में वे पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे।
जबकि बैठक में शामिल रहे सांसद राजेंद्र गावित एवं राहुल शेवाले उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की अपील कर चुके हैं। राजेंद्र गावित खुद भी आदिवासी समाज से आते हैं। पार्टी सांसदों की बात सुनने के बाद अब फैसला उद्धव ठाकरे को करना है।
बताया जाता है कि ज्यादातर लोकसभा सदस्यों द्वारा राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का दबाव बनाने जाने पर पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए। हालांकि बाद में राउत ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह उसका सम्मान करेंगे।