महाराष्ट्र उद्धव-शिंदे मामले पर, 20 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट.. तीन जजों की बेंच गठित
(शशि कोन्हेर) : उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट, दोनों ने एक-दूसरे के खेमे के विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुनवाई होने की संभावना है। CJI एनवी रमना के नेतृत्व में तीन-न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में विधायकों की अयोग्यता को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
पिछले सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को शिवसेना विधायकों को अयोग्य घोषित करने पर कोई निर्णय नहीं लेने के लिए कहा था, जब विधायक सचिव राजेंद्र भागवत ने 53 विधायकों को व्हिप का पालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। चालीस नोटिस शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को भेजे गए, जबकि अन्य 13 ठाकरे के वफादार हैं। दोनों समूहों ने प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अपना फैसला सुनाए जाने तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। महाराष्ट्र का सियासी संकट शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम बनने के बाद भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सियासी व कानूनी दांव-पेच का सिलसिला जारी है। सुनील प्रभु के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को उनकी अयोग्यता की कार्यवाही तय होने तक विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। सुनील प्रभु ने इन सभी को विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश देने की गुहार भी लगाई। हालांकि, कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।