(दिलीप जागवानी ) : कर्मचारी नेताओं की अगुवाई मे प्रदेश मे पांच दिवसीय हड़ताल की जंगी शुरुआत सोमवार से की गई । 34 फीसदी महंगाई भत्ता की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन निर्णायक रुख अपना चुका है। कर्मचारियों ने सरकार वादा निभाए का नारा बुलंद किया।
शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की लंबित मांग जिसे प्रदेश की भूपेश सरकार ने चुनाव पूर्व अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। वह वादा निभाने पहले भी फेडरेशन कई चरणों में सांकेतिक हड़ताल प्रदर्शन कर चुका है। इससे बात जब नहीं बनी तो कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश व्यापी बंद का पांच दिवसीय आगाज सोमवार से किया।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश महासचिव जीआर चंद्रा ने कहा सरकार चाहती तो य़ह नौबत नहीं आती। हमने कई बार अलग अलग तरीके से मांग किया है लेकिन भूपेश सरकार बात करने तैयार नहीं है।
केंद्र के समान 34 फीसदी महंगाई भत्ता नहीं देने से राजपत्रित से लेकर लघु वेतन पाने वाले कर्मचारी ख़फ़ा हैं। छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा
ऊपर से जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा कर सरकार जले पर नमक छिड़क रही है। इससे उनमे नाराजगी बढ़ती जा रही है।
इसे कर्मचारियों का वाजिब हक मानते हुए पूर्व कर्मचारी नेता पी आर यादव ने हड़ताल को एतिहासिक बताया। 5 दिन की हड़ताल मौजूदा सरकार के लिए संकट खड़ा कर सकती है। नेहरू चौक पर आवाज बुलंद करते हुए हड़ताल मे शामिल सभी कर्मचारियों ने केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने मांग दोहराई।