सावन में बारिश की झड़ी, नदी नाले हल्के उफान पर किसानों के चेहरे खिले….
(मुन्ना पाण्डेय) : सरगुजा/लखनपुर – एक लम्बे अंतराल के बाद इस सावन महीने में बीते गुरुवार को गरज चमक के साथ हुये बारिश से जहां नदी नाले हल्के उफान में नज़र आये वहीं पिछड़ रहे खेती कार्य को लेकर चिंतित किसानों के चेहरे खिल उठे।
दरअसल सावन महीने में मानसून की बेरुखी ने किसानों के पेशानी पे चिंता की लकीर खींच दी थी। एक पखवाड़े तक पानी नहीं बरसने कारण खेतों में किये गए धान थरहा की रोपाई पिछड़ने लगा था। कृषि कार्य नहीं हो पा रहा था। आसमानी बारिश के उम्मीद पर टिके क्षेत्र के खेतिहर किसानों को सूखा पड़ने की चिंता सताने लगी थी। कब बारिश होगी और वह रोपाई कार्य आरंभ कर सकेंगे। कृषि कार्य ठहर सा गया था।
किसान बारिश के आस में बैठे हुए थे इंतजार था तेज बारिश होने का अब जबकि बारिश हुई है तो खेती कार्य को गति मिल गया है। किसानों की मानें तो होने वाली बारिश नाकाफी है लेकिन रोपाई के नजरिए से इतना बारिश का पानी भी काफी है। फ़िलहाल जिन धान थरहा रोपाई की मियाद खत्म होने लगी थी उनके लिए होने वाली बारिश महत्वपूर्ण है, किसान खेतों रोपाई कार्य करने में जुट गए हैं।