कांग्रेस भवन में “अंग्रेजों भारत छोड़ो” आंदोलन की वर्षगांठ पर हुआ आयोजन
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा 9 अगस्त को “अंग्रेजों भारत छोड़ो” आंदोलन की वर्षगांठ कांग्रेस भवन में मनाई गई. इस मौके पर महात्मा गांधी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर आंदोलन के सेनानियों को याद किया गया।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि विश्व युद्ध मे उलझी अंग्रेजी हुकूमत, क्रिप्स मिशन की योजना से खफा भारतीयों के लिए सुनहरा मौका था। जिसे महात्मा गांधी ने 08 अगस्त की मुम्बई अधिवेशन में ” भारत छोड़ो ” और ” करो या मरो ” के नारे से आंदोलन का आगाज किया। किन्तु रात में ही सारे बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए फिर भी आंदोलन कारियो के उत्साह में कहीं कमी नही आई। लाल बहादुर शास्त्री,जय प्रकाश नारायण, अरुणा आसफ अली ने नेतृत्व किया। बड़ी संख्या में युवा ,विद्यार्थी आंदोलन में कूद पड़े और पूरे भारत मे आग की तरह आंदोलन फैल गया। अंग्रेज आंतरिक और बाह्य दोनों तरफ से घिर गए।,किन्तु इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन के दौरान भी कुछ मौका परस्त लोग अंग्रेजो के साथ खड़े थे। उन्हें मदद कर रहे थे। वही मुस्लिम लीग ने अपना प्रभाव बढ़ाया जिसका परिणाम देश का विभाजन हुआ।
हरीश तिवारी ,ज़फ़र अली,चन्द्रप्रकाश देवरस ने कहा कि अगस्त क्रांति महात्मा गांधी जी के तीन बड़े आंदोलनों में से एक था। कांग्रेस ने मन बना लिया कि हर हाल में अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ेगा ,इंग्लैंड में भी सत्ता परिवर्तन हुआ जो भारत को कुछ शर्तों के साथ आज़ादी देना चाहते थे किंतु सभी प्रयास विफल रहा और कांग्रेस की एक सूत्रीय मांग कि हम आजाद भारत चाहते है ,जहां हमारी सम्प्रभुता हो,कुछ कट्टरवादी, अंग्रेजो से सत्ता सुख और पेंशन लेने वाले अंग्रेजो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे थे ,सुभाष चन्द्र बोस की सेना का विरोध और अंग्रेजी सेना में भर्ती करा रहे थे किंतु उनकी कुटिलता कोई काम न आ सका और देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हो गया।कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,ज़फ़र अली, हरीश तिवारी,चन्द्र प्रकाश देवरस,विनोद शर्मा,माधव ओतलवार, डॉ बद्री जायसवाल,सीमा घृतेश,अरविंद शुक्ला,विनोद साहू,शैलेन्द्र जायसवाल,अनिल सिंह चौहान,सुभाष ठाकुर,राजेश शर्मा,राजेन्द्र वर्मा,अखिलेश बाजपेयी,राजेश ताम्रकार,सुभष सराफ,वीरेंद्र सारथी,भरत जोशी,जिग्नेश जैन,रेखेन्द्र तिवारी,गणेश रजक,अर्जुन सिंह,सावित्री सोनी,कमलेश लवहतरे,राजकुमार यादव, काजू,अनिल शुक्ला,अनिल यादव,मोह अयूब,करम गोरख,रामप्रसाद साहू,बालचन्द साहू,विक्की साहू,चेतनदास मानिकपुरी,हरमेंद्र शुक्ला,उदय सिंह बिहारी आदि उपस्थित थे ।