तिरंगे के नाम पर राशन कार्ड धारकों से वसूली के आरोप सरकार ने किए खारिज
(शशि कोन्हेर) : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम जबरन वसूली की जा रही है। सरकार ने राहुल के बयान को खारिज करते हुए इस बात को गलत ठहराया कि उसके निर्देश पर राशन कार्ड धारकों को झंडा लेने को मजबूर किया जा रहा है। प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो ने अपने पीआइबी फैक्टचेक हैंडल के जरिये ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई निर्देश नहीं जारी किया है।
आरोपित के खिलाफ की गई कार्रवाई
मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया गया है कि गड़बड़ी करने वाली राशन की एक दुकान को निलंबित कर दिया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदी में किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि तिंरगा हमारा गौरव है ।
और यह सभी भारतीयों के दिलों में रहता है। लेकिन राष्ट्रवाद को कभी बेचा नहीं जा सकता। जो गरीब राशन लेने जा रहे हैं उन्हें 20 रुपये देकर तिरंगा लेने पर मजबूर किया जा रहा है।
वरुण गांधी ने भी सरकार पर साधा निशाना
राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तिरंगे के साथ-साथ हमारे देश के गरीबों के आत्मसम्मान पर भी प्रहार कर रही है। उन्होंने जो वीडियो साझा किया उसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है।
उधर भाजपा सांसद और राहुल के चचेरे भाई वरुण गांधी ने भी आरोप लगाया है कि राशन उपभोक्ताओं को जबरन तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राशनकार्ड धारकों को तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है। हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है।