बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई के खिलाफ स्वर्गीय अहमद पटेल की बेटी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी……
नई दिल्ली – गुजरात में बिलकिस बानो के साथ रेप और उनके परिवार के लोगों की हत्या के 11 दोषियों को रिहा करने पर सरकार की आलोचना हो रही है. कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने पीएम मोदी को इस मामले में चिट्ठी लिखी है. मुमताज पटेल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि ”मैं दो बेटियों की मां होने के नाते औरतों के हक में बात करना चाहती हूं. परसों जो निर्णय सुना हमने मीडिया में, ये मुद्दा चौंका देने वाला था. मुझे लगा कि यह वक्त है कि हमें अपनी आवाज़ ज़रूर उठानी चाहिए. मुझे लगा कि औरतों के हक में, बिलकीस के हक में बात करने के लिए मीडिया के सामने आकर अगर मेरी आवाज़ पहुंच सकती है तो पूरी कोशिश करनी चाहिए.”
दोषियों की रिहाई को लेकर मुमताज पटेल ने कहा कि, ”यह एकदम चौंका देने वाली ख़बर थी. 15 अगस्त को जब आप बाकी अपराधियों को रिहा कर रहे थे और उसमें इनकी भी रिहाई हो गई, तो मुझे लगता है ये बहुत ही गलत निर्णय था, चौंका देने वाला निर्णय था. बलात्कार एक ऐसा अपराध है, और जिस लेवल पर ये हुआ था, मुझे लगता है उम्रकैद भी बहुत ही कम है इसमें.”
उन्होंने कहा कि ”इसके पीछे क्या मकसद है, मैं नहीं जानती, बोलते हैं यह एक्शन है, या हिंदु-मुस्लिम एंगल है, मुझे नहीं पता. हमें धर्म जाति से ऊपर उठकर अपराधियों को एक नज़र से देखना चाहिए. हमें ये नहीं देखना चाहिए कि विक्टिम कौन है, अपराधी कौन है. जो गलत है, वो गलत है, इस पर कठोर सज़ा होनी चाहिए. यह एक शर्मनाक घटना थी. अभी भी आप अगर देखेंगे तो अपराधियों में कोई शर्मिंदगी नहीं है. ये और चौंकने वाली बात थी कि इनका स्वागत किया जा रहा था. समाज किस राह पर चल रहा है, मुझे समझ नहीं आ रहा है. एक औरत होने के नाते मुझे बहुत ही ज़्यादा घबराहट है कि हम लोगों को न्याय कैसे मिलेगा. कठुआ में भी घटना हुई थी. इस तरह से आप कैसे क्राइम रोकेंगे.”
मुमताज पटेल ने कहा कि, ”पीएम ने परसों ही नारी शक्ति की बात की. मुझे आशा है कि इस निर्णय को बदला जाएगा. ये मुद्दा बीस साल बाद क्यों उठा है. उनके जिंदा रहते ये बात क्यों नहीं उठी. इलेक्शन से छह महीने पहले क्यों ये मुद्दा उठा है फिर से. मेरे पिता तो हैं नहीं, तो मिसेज़ गांधी को टारगेट किया जा रहा है.”
उन्होंने कहा कि, ”जमीन से जुड़कर जनता के बीच में काम करने के लिए मैं तैयार हूं. हमेशा से करना चाहती थी. इसको राजनीति कहते हैं, तो राजनीति समझ लीजिए. मेरे पिता हम लोगों को पॉलिटिक्स से दूर रखते थे. उनको पता था कि किस लेवल पर पॉलिटिक्स होती है. जो लुटियंस में होता है, वह मेरे लिए पॉलिटिक्स नहीं है. जनता से जुड़ सकूं, मेरे लिए ये पॉलिटिक्स है. मकसद वही है मेरा, जनता से जुड़े रहेंगे और उसके लिए काम करते रहेंगे. चुनाव की बात करें तो अगर नीयत मेरी साफ़ है तो जनता मेरे साथ है.”
उन्होंने कहा कि ”अभी कांग्रेस की सदस्य नहीं हूं. एनजीओ चलाने के लिए भी ऑफ़िशियल माध्यम की ज़रूरत पड़ेगी. मुझे भी वक्त लग रहा है समझने में. मैं चाहती हूं जो काम पिता ने शुरू किया उसको और बुलंदी पर लेकर जाएं. युवा हैं, पढ़े-लिखे हैं, नीयत साफ़ है, लोगों की सेवा करने की चाहत है, मैं ही नहीं और भी लोगों को सामने आना चाहिए. राजनीति के दौर को बदलना चाहिए.”