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कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने सभी स्कूलों में “ईद ए मिलाद” पर्व पर नमाज पढ़ने एक अलग कमरा मांगा


(शशि कोन्हेर) : बेंगलुरु – हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक शिक्षा के क्षेत्र में एक नया विवाद सामने आ गया है। राज्य के वक्फ बोर्ड ने गणेशोत्सव की तर्ज पर स्कूलों में ईद-ए-मिलाद मनाने की अनुमति देने को कहा है। कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने शिक्षा विभाग के समक्ष यह मांग रखते हुए कहा कि हिंदू त्योहार मनाने की तर्ज पर ही इस्लाम की रिवायतों के पालन के लिए भी अलग से एक कमरा होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन पर ईद-ए-मिलाद मनाया जाता है। कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने राज्य सरकार से स्कूलों में नमाज पढ़ने के लिए अलग से एक कमरे का इंतजाम करने की भी मांग की है। शफी सादी ने कहा कि उनके धर्म के त्योहारों को भी मनाने की स्कूलों में व्यवस्था होनी चाहिए। सभी धर्मों के बच्चों को समान रूप से धार्मिक आयोजन करने का अधिकार होना चाहिए।

शफी सादी की अध्यक्षता वाले कर्नाटक वक्फ बोर्ड की मांगों के जवाब में कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूलों में किसी भी किस्म के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं है। अब तक ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है और वक्फ बोर्ड की मांग पर भी विचार नहीं किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा-ईद-ए-मिलाद की मांग पर विचार नहीं
शिक्षा मंत्री नागेश ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्कूलों में गणेशोत्सव मनाने की इजाजत नहीं दी गई है। स्कूलों में गणेश प्रतिमाएं देश की आजादी के पहले से ही रखी जाती रही हैं। उन्होंने कहा, ‘स्कूलों में गणेशोत्सव मानने की छूट है। स्कूल में जो भी लोग पहली बार गणेशोत्सव मनाना चाहते हैं, हम उन्हें मना नहीं करेंगे। यह समाज को जोड़ने का एक तरीका है। वह इसके लिए अनुमति भी ले सकते हैं।’ एजेंसी के अनुसार शिक्षा मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए एसडीपीआइ के जिला कार्यकारी सदस्य उमर फारुक ने कहा कि सरकार भेदभाव करती है। जब स्कूलों में हिजाब की इजाजत नहीं है, तो हिंदू त्योहारों को मनाने की इजाजत क्यों है। धर्म तो एक निजी मुद्दा है।

शफी सादी की अध्यक्षता वाले कर्नाटक वक्फ बोर्ड की मांगों के जवाब में कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूलों में किसी भी किस्म के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं है। अब तक ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है और वक्फ बोर्ड की मांग पर भी विचार नहीं किया जाएगा।

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