बिलासपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा..कांग्रेस भवन का बर्बर लाठीचार्ज… घिसट रही जांच… तारीख पर तारीख… अपनी ही सरकार 4 साल में नहीं दिला पाई न्याय..!
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। 18 सितंबर 2018 को बिलासपुर शहर के कांग्रेस भवन में पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज को एक माह बाद 4 साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद आने वाला अगला साल इस सरकार के कार्यकाल का पहला और अंतिम साल होगा। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री बन कर राजकाज की बागडोर संभालने वाले श्री भूपेश बघेल से बिलासपुर के कांग्रेसजनों को कोई शिकायत आमतौर पर नहीं है। बस एक ही मामला इस शहर के सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता के मन में शूल की तरह चुभ रहा है…और वह है 18 सितंबर 1918 को कांग्रेस भवन में घुसकर कार्यकर्ताओं को बर्बरता पूर्वक खींचने-पीटने के आरोपी पुलिस वालों और उनको लाठीचार्ज का आदेश देने वालों का अभी तक बाल भी बांका नहीं हुआ है। इस लाठीचार्ज की पूरे देश में जबरदस्त रूप से भर्त्सना हुई थी। कांग्रेस नेता और तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे श्री राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर इस घटना को तानाशाही निरूपित करते हुए इसकी जबरदस्त निंदा की थी। वही इस घटना के बाद बिलासपुर पहुंचे युवक कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चंद्र यादव ने सरेआम यह घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आने दीजिए। कांग्रेस भवन में और कांग्रेस जनों पर लाठीचार्ज करने वालों की चौक में मुर्गा बना कर पिटाई की जाएगी।। श्री भूपेश बघेल तब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। और वे लाठीचार्ज की इस घटना से काफी क्रोधित और मर्माहत भी हुए थे।
बिलासपुर की जनता भी लोकतंत्र का गला घोटने वाली इस घटना से काफी क्रोधित और आक्रोशित तथा मर्माहत थी। और बिलासपुर के आम लोग भी यह चाहते थे कि इसकी जांच हो। जिसमें दोषी पाए जाने वाले लोगों को सजा मिले। हमें यह कहने में भी कोई संकोच नहीं है कि कांग्रेस भवन में घुसकर पुलिस द्वारा किए गए इस लाठीचार्ज की खबरों ने प्रदेश में भाजपा के खिलाफ दिख रहे असंतोष की आग में घी डालने का काम किया था। इससे प्रदेश में एक ऐसा सर्वव्यापी संदेश भी गया जिसके असर को भी, प्रदेश से डॉ रमन सिंह की सरकार की विदाई का एक प्रमुख कारण माना जाता है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने करने वाले इस लाठीचार्ज की तब के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जांच की घोषणा की थी। हालांकि कांग्रेसजनों को उस समय तो कोई उम्मीद नहीं थी कि उनके साथ न्याय होगा। लेकिन इस लाठीचार्ज के 13 महीने बाद ही प्रदेश में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनने से लाठीचार्ज में घायल हुए निर्दोष कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह उम्मीद बंधी कि अब उनके साथ 24 कैरेट न्याय जरुर होगा। और जिन लोगों ने बिना वजह कांग्रेस भवन में घुसकर लाठियां भांजी और जिन्होंने उनको इसका आदेश दिया वे सभी प्रशासनिक जांच में दोषी पाए जाएंगे। और सीखचों के पीछे ढकेले जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
दुख की बात किया है कि जिन्होंने, कांग्रेस भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई थीं और जिन्होंने, लाठी चलाने का आदेश दिया था। उनमें से किसी का भी आज तक बाल बांका नहीं हुआ। हमें यह भी कहने में कोई संकोच नहीं है कि पूरे प्रदेश की तरह बिलासपुर के कांग्रेसजनों को भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कार्यकाल पर इसलिए नाज है कि उन्होंने बीते चुनाव के दौरान चुनाव घोषणा पत्र में जनता से किए गए किसानों की ऋण माफी समेत अधिकांश वादे तत्परता से पूरे कर लिए। लेकिन अफसोस की उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों पर कांग्रेस भवन में और उसके बाहर बर्बरता से हुई पिटाई के मामले की प्रशासनिक जांच में ऐसी कोई तत्परता बीते 4 सालों में दिखाई नहीं दी। और यही बात लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए आम पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में शूल की तरह चुभ रही है। अब जब एक माह बाद सितंबर माह की 18 तारीख को इस घटना को 4 साल पूरे हो जाएंगे।
ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और खासकर लाठीचार्ज से घायल लोगों का ऐसी उम्मीद करना बेमानी नहीं है कि अब तक घिसट घिसट कर चल रही इसकी प्रशासनिक जांच अब कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल के बचे खुचे एक साल से पहले पूरी हो जाएगी। और दोषियों को कांग्रेस भवन में लाठीचार्ज करने की सख्त सजा मिलेगी। ऐसी उम्मीद अपने लाड़ले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से बिलासपुर के कांग्रेसजन कर ही सकते हैं। विश्वास है कि लाठीचार्ज की घटना से मर्माहत कांग्रेस जनों और बिलासपुरवासियों कि यह उम्मीद जल्द पूरी होगी।नहीं तो आम लोगों तक यह मैसेज पहुंचने से कोई रोक नहीं सकेगा कि मुख्यमंत्री अपने सबसे नजदीकी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यदि इंसाफ नहीं दिला सके तो दूर वाले …?