देश

झारखंड के गुमला में गरीब किसान को बैल नहीं मिला तो घोड़ों से की खेत की जुताई

(शशि कोन्हेर) : हल और बैल से खेत की जुताई होते तो सबने देखा है, लेकिन क्या कभी बैल की जगह घोड़ाें से खेत की जुताई करते किसी किसान को आपने देखा है। झारखंड के गुमला जिले में इन दिनों एक किसान घोड़ाें की मदद से खेत की जुताई कर रहा है।

जिले के डुमरी प्रखंड के करनी गांव का यह किसान गरीब है। धान की खेती का समय है। खेत में बिचड़ों की रोपाई करनी है। उसके पास बैल नहीं है। उसने गांव में हर किसी से बैल की मांग की। सभी के बैल इस समय व्यस्त हैं। लाचार किसान उरसेन तिग्गा ने बैल की जगह घोड़ा से खेत की जुताई शुरू कर दी।

घोड़ा से खेत की जुताई चर्चा का विषय

घोड़ा से खेत की जुताई की यह घटना इलाके में इस समय चर्चा का विषय है। ग्रामीण उसकी सोच की तारीफ भी कर रहे हैं। ग्रामीण कहते हैं कि खेती के समय में कोई किसान अपना बैल देना नहीं चाहता। महंगाई के इस दौर में ट्रैक्टर से खेत की जुताई मुश्किल है। छोटे-छोटे खेतों में हर कोई धान की खेती कर साल भर के लिए अनाज उपजाता है। यही जीने का सहारा है। उरसेन तिग्गा ने कई लोगों से बैल की मांग की, लेकिन सभी के बैल इस समय व्यस्त थे। किसी ने नहीं दिया।

इसलिए गांव वालों ने नहीं दिया अपना बैल

ग्रामीणों की मानें तो उरसेन तिग्गा ने अपने माम से भी संपर्क किया था, उन्होंने भी देने से मना कर दिया। उन्होंने दो टूक कह दिया कि उनके पास एक ही बैल है। एक बैल से हल नहीं चल सकता। खेत की जुताई नहीं हो सकती। हालांकि मामा को इस बात की चिंता हुई कि जुताई नहीं होने पर खेत बंजर रह जाएगा। घर का भोजन जुटाना मुश्किल हो जाएगा। सो, उन्होंने घर में रखे अपने तीन घोड़ों को ले जाने की सहमति दे दी। मामा की इस पहल से उरसेन तिग्गा खुशी से झूम उठे। घोड़ों को लेकर घर पहुंचे।

उरसेन ने इस तरह की अपने खेत की जुताई

अब उरसेन तिग्गा के पास तीन घोड़े और एक बैल था। उन्होंने दो घोड़ों को एक हल में और एक घोड़ा और एक बैल को दूसरे हल में नाथ दिया। फिर खेतों में लेकर उतर गए। खेत की जुताई करने लगे। तीन चार दिनों के भीतर खेत की जुताई पूरी हो गई। अब खेत में धान रोपनी की बारी है। पूरा परिवार धान रोपने में व्यस्त है। चंद रोज में यह काम भी पूरा हो जाएगा। उरसेन तिग्गा खुश हैं कि खेत में धान की रोपनी के बाद घर में अनाज की कमी इस बार नहीं होगी। अगर कुदरत ने साथ दिया तो। क्योंकि सिंचाई भगवान भरोसे ही यहां संभव है।

घोड़ा से खेत की जुताई आसान : उरसेन तिग्गा

उरसेन तिग्गा कहते हैं कि कीचड़ वाले खेत की जुताई में दिक्कत नहीं आती है। इसलिए घोड़ा से भी काम चल जाता है। घोड़ा कीचड़ वाले खेत में भी एकदम आराम से हल खींच लेता है। बैल से ज्यादा आराम घोड़े से हल चलाने में है। उन्होंने खेत की जुताई के बाद घोड़ा और बैल मामा को वापस कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button