राजस्थान में फिर करवट ले रहा राजनीति का ऊंट… अशोक गहलोत को छोड….. सचिन के खेमे में जा रहे विधायक
(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच आलाकमान से मिले संकेत को देखकर पार्टी के विधायकों को लगता है कि पासा कभी भी पलट सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट सीएम बनाए जा सकते हैं, इसलिए वे मुख्यमंत्री का साथ छोड़कर न केवल पायलट के खेमे में जाने लगे हैं, बल्कि वे अशोक गहलोत के खिलाफ मुखर भी होने लगे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सचिन को सीएम बनाने की मांग पकड़ रही है जोर
भाजपा ने चुनाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं, लेकिन कांग्रेस में आंतरिक खींचतान पहले से ज्यादा बढ़ गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमों में चल रही खींचतान के बीच मंत्री और विधायक अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर करने लगे हैं। 2020 में कांग्रेस के सियासी संकट के समय गहलोत के साथ रहे विधायक भी अब पाला बदलने लगे हैं।
सीएम समर्थकों सहित अन्य विधायकों ने पूर्व उप मुख्यमंत्री से कुछ दिनों में की मुलाकात
विधायक रघु शर्मा एक महीने में दो बार पायलट से मिल चुके हैं। कभी गहलोत के विश्वस्तों में शामिल रहे खिलाड़ी लाल बैरवा ने एक महीने में तीसरी बार पायलट को सीएम बनाने की मांग की है। रोहित बोहरा, दानिश अबरार एवं प्रशांत बैरवा जैसे गहलोत खेमे के विधायक पिछले कुछ दिनों में पायलट से मिले हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआइ के प्रत्याशी को हराकर अध्यक्ष बने निर्दलीय उम्मीवार मनीष चौधरी ने पायलट के प्रति आस्था जताई है।
चुनाव जीतना है तो पायलट को सीएम बनाना होगा: बैरवा
राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा है कि गहलोत को सीएम पद छोड़कर युवा पीढ़ी को कमान सौंपनी चाहिए। युवाओं में पायलट भी शामिल हैं। गहलोत का पद छोड़ना पार्टी के हित में होगा। बैरवा ने कहा कि गहलोत सर्वमान्य नेता हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई व्यक्ति 100 साल तक की उम्र तक पद पर बना रहे।
बैरवा ने कहा कि विधानसभा चुनाव जीतना है तो पायलट को सीएम बनाना होगा। गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालनी चाहिए। सोलंकी बोले-मैं सचिन के साथ इस बीच कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने बुधवार को चाकसू में एक कार्यक्रम में कहा कि मैं पायलट के साथ हूं। गुर्जर समाज को मुट्ठी बंद कर अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।
उधर, अब तक गहलोत के विश्वस्तों में शामिल रहे खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना भी पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे हैं। पिछले सप्ताह जयपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जाहिर की थी। वह सीएम के कहने के बावजूद कार्यक्रम में मंच पर उनके पास आकर नहीं बैठे।
सचिन पायलट बोले- आलाकमान का निर्देश मानना होगा
पायलट ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान के कहने पर प्रदेश में जब सरकार बनी तो मैंने सीएम पद छोड़ा था। ऐसे में आगे अगर किसी नेता को आलाकमान से कोई निर्देश मिलता है तो उसे वह निर्देश मानना होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं है। उन्होंने कहा जो अफवाहें चल रही हैं, उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए। कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा इसे लेकर इंतजार करना चाहिए।