श्री अग्रोहा धाम से रतनपुर पहुंची मां लक्ष्मी की रथयात्रा, अग्रध्वज के साथ किया नगर भ्रमण
(विजय दानिकर) : बिलासपुर – श्री अग्रोहा धाम से कुलदेवी मां लक्ष्मी की रथ यात्रा रतनपुर पहुंची जिसका भव्य स्वागत के साथ पूरे नगर में धूमा भजन कीर्तन के साथ निकली रथ यात्रा का जगह जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। रथयात्रा पूरे छत्तीसगढ़ का भ्रमण करेगी रथयात्रा के दौरान अग्रवाल समाज के लोग उत्साह के साथ शामिल हुए।
अग्रोहा धाम में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन द्वारा कराए जा रहे भव्य लक्ष्मी मन्दिर के लिए सहयोग एकत्रित करने के साथ आपसी भाईचारा और समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग के नेतृत्व में पूरे देश में कुलदेवी मां लक्ष्मी की रथयात्रा निकाली जा रही है। छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुवात प्रतापपुर से हुई है, आज शाम को रतनपुर पहुंचा , मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना व आरती के बाद रथ नगर भ्रमण के लिए निकला रथयात्रा में अग्रवाल समाज की महिला पुरुष व बच्चों के साथ विभिन्न वर्गों के लोग उत्साह के साथ शामिल थे। इस दौरान सबके हाथ में अग्रध्वज था तथा रथयात्रा का स्वागत जगह जगह पुष्पवर्षा के साथ किया जा रहा था।
यात्रा के उद्देश्यों के सम्बंध में जानकारी देते हुए अग्रवाल समाज के सुभाषअग्रवाल ने बताया कि यात्रा के माध्यम से अग्रोहा शक्ति पीठ में बनने वाले कुलदेवी आद्य महालक्ष्मी एवं अष्ट लक्ष्मी जी के विश्व के पहले विशाल दिव्य अलौकिक और भव्य निर्माण का प्रचार प्रसार करना तथा देश के सभी अग्रवाल परिवारों को मंदिर से जोड़ना व यात्रा के माध्यम से ही एक करोड़ परिवारों से सीधा संपर्क करना है। इसके साथ रथयात्रा के मध्यम से अग्रवाल समाज को संगठित करना, भगवान अग्रसेन जी के सिद्धांतों के माध्यम से विश्व शांति एवं मानव मात्र कल्याण का सन्देश जन जन तक पहुंचाना, पितृ भूमि अग्रोहा को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करना, रथयात्रा के दौरान माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर लोगों के कल्याण और परिवार की सुख शांति, समृद्धि व तरक्की की कामना करना है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य अग्रवाल समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के गौरवमयी इतिहास की जानकारी जन जन तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि कलयुग में अग्रोहा धर्म का केंद्र रहा है, अतः यात्रा के माध्यम से देश में धर्म परायण एवं संस्कारिक समाज का निर्माण करना तथा युवाशक्ति व महिलाशक्ति को सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय करना, अग्रवाल समाज के विभिन्न संगठनों को जोड़कर मजबूत करना तथा निर्माणाधीन मंदिर के लिए एक एक जन से एक एक हुंडी के लिए सहयोग ले उनकी श्रद्धा, आस्था व भक्ति को मंदिर से जोड़ना अन्य मुख्य उद्देश्य हैं।