छत्तीसगढ़

अब प्रदेश में पट्टेदार को मालिकाना हक देने को मिली राज्यपाल की हरी झंडी….

रायपुर – राज्यपाल अनुसुइया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2022 पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही यह संशोधन लागू हो गया है। इस संशोधन के बाद अब सरकारी जमीन के पट्टेधारियों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। इसके लिए यह शर्त होगी कि जिस दिन से पट्टा दिया गया है, उस तारीख से 20 साल की अवधि पूरी हो।

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 5 जुलाई को यह संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया था। उन्होंने विधानसभा में बताया था कि शासकीय पट्टे पर दी गई जमीन के भूमि धारकों को भूमि स्वामी का अधिकार दिए जाने के उद्देश्य से यह संशोधन किया जा रहा है, जिससे संबंधित जमीन या उस पर बनी परिसंपत्ति के आधार पर बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त हो सकेगा। साथ ही, खरीदी-बिक्री भी बिना किसी दिक्कत के हो पाएगा।

संशोधन विधेयक के मुताबिक ऐसा व्यक्ति जिसे राज्य सरकार, कलेक्टर या आबंटन अधिकारी द्वारा जमीन का आबंटन भूमि स्वामी अधिकार में छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने के बाद किया गया है, ऐसे आबंटन की तारीख से ऐसी जमीन के संबंध में भूमि स्वामी समझा जाएगा और उन समस्त अधिकारों और दायित्वों के अध्याधीन होगा, जो इस संहिता द्वारा उसके अधीन किसी भूमि स्वामी को प्रदत्त और उस पर अधिरोपित किए गए हैं, लेकिन ऐसा कोई भी व्यक्ति पट्टे या आबंटन की तारीख से 10 वर्ष की अवधि के भीतर ऐसी जमीन को अंतरित नहीं करेगा।

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