भारतीय संस्कृति को बचाये रखने 4 दिवसीय शास्त्रीय संगीत का आयोजन किया जा रहा है…..
(प्रदीप भोई) : बिलासपुर – साई नृत्य निलयम के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिता ‘ प्रणवम ‘ का आगाज 1 सितंबर को इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय सरकंडा के ऑडिटोरियम में हुआ है । इस कार्यक्रम में देशभर से 550 से भी अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं । पहले दिन की प्रस्तुति भारत की सांस्कृति धरोहर की झलक दिखी । दूसरे दिन भी कलाकारों ने नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। शनिवार को बच्चों शास्त्रीय संगीत में नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर सबका दिल जीता।
प्रणवम की आयोजिका श्वेता नायर ने बताया कि आज के समय मे भारतीय संस्कृति विलुप्त होते जा रही है।बच्चों को कला और संस्कृति के लिए प्रेरित करना मुख्य उद्देश्य है। जिसमे नृत्यांगना प्रिंसी तिवारी को प्रथम पुरस्कार दिया गया।
कत्थक नृत्य के दो पक्ष होते
कत्थक नृत्य के दो पक्ष होते हैं, भावपक्ष एवं नृत्य पक्ष। भाव भंगिमा के द्वारा अपने भाव को प्रकट करना भाव पक्ष कहलाता है। कृष्ण के भजनों एवं लीलाओं को इस कला से प्रकट किया जाता है। उन्होंने अपने भावों के माध्यम से देव प्रतिमा की इस प्रस्तुति में अपने पद संचलन एवं भाव भंगिमाओ के माध्यम से कत्थक नृत्य प्रस्तुति दी। ये बच्चों के लिए रोचक एवं ज्ञानवर्धक रही।