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विवादित संपत्तियों को मनमाने ढंग से हड़पने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से लगी रोक…जाने क्या है फैसला..?

(शशि कोन्हेर) : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक बेहतरीन आदेश पास किया है। अब विवादित संपत्ति मनमाने तरीके से हड़पने वालों की खैर नहीं। अब हाई कोर्ट ने एक ऐसा आदेश पारित किया है, जो संबंधित पक्षकारों के साथ-साथ प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के सभी विवादित संपत्तियों के मामले में नजीर की तरह लागू होगा।

आदेश की सत्यापित प्रतियां हासिल करने की मची होड़
मालूम हो कि इस आदेश की सत्यापित प्रतियां हासिल करने की होड़ मच गई है। यही वजह है कि संबंधित वकीलों से कई इसी तरह के पीड़ित संपर्क साधने लगे हैं। अब ऐसे लोगों को भरोसा हो गया है कि उनकी विवादित संपत्ति अब मनमाने तरीके से कभी भी कोई भी हड़प नहीं सकता। जब तक कानूनी रूप से अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, बीच में खुर्द-बुर्द करने की साजिश नाकाम होगी।

विवादित संपत्ति बेचने पर रजिस्ट्री स्वत: शून्य मानी जाएगी
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पिछले दिनों संपत्ति से जुड़े प्रकरण में एक अहम आदेश पारित कर कहा कि यदि सिविल कोर्ट में लंबित रहने के दौरान विवादित संपत्ति बेची जाती है और उसकी रजिस्ट्री स्वत: शून्य मानी जाएगी।

कानून का राज्य होगा कायम, निरंकुश तरीका समाप्त
जानकारी हो कि इससे पूर्व निरंकुश तरीके से संपत्ति को एक के बाद एक बेचकर कानूनी का माखौल उड़ाया जाता था पर अब ऐसा नहीं होगा। इससे कानून का राज्य कायम होगा। निरंकुश तरीका समाप्त हो जाएगा।

प्रापर्टी एक्ट की धारा-52
वहीं, कोर्ट ने कहा कि ऐसी संपत्ति के विक्रय में उक्त प्रविधान पूरी तरह से लागू होता है। इस मत के साथ हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया जिसमें प्रदीप चौकसे और पुष्पा चौकसे के पक्ष में जारी डिक्री की थी। संपत्ति विवाद के एक मामले में जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने ट्रांसफर आफ प्रापर्टी एक्ट की धारा-52 की विस्तृत व्याख्या करते हुए उक्त नजीर पेश की।

अपील में कहा गया कि नेपियर टाउन में एक अचल संपत्ति का विवाद सिविल कोर्ट में लंबित था। यहां दोनों पक्षों ने दावा पेश किया था। अधिवक्ता सुशील तिवारी ने हाई कोर्ट को बताया कि मामला लंबित रहने के दौरान डा. छाया राय ने विवादित संपत्ति चौकसे दंपति को बेच दी थी। वहीं, कोर्ट ने अपीलार्थी की अपील को स्वीकार करते हुए उसके पक्ष में डिक्री पारित करने के निर्देश दिए।

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