शिक्षक दिवस पर शिष्यों ने किया गुरुजनों का सम्मान….
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर– (सरगुजा) मानव जीवन में माता पिता के बाद गुरू का दर्जा काफी महत्वपूर्ण माना गया है गु=अंधकार,रू =प्रकाश अर्थात गुरु” यानि अशिक्षा रूपी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले पथप्रदर्शक माता पिता हमे जन्म देते हैं तो जीवन जीने की कला हमें गुरू से मिलती है। गुरु हमे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं। बिना गुरु के जीवन नीम अंधेरे से कम नहीं। गुरु की महिमा अपरम्पार है। दरअसल हर युग में गुरुओं का सम्मान होता रहा है। शास्त्रो में भी श्री परशुराम, विश्वामित्र, द्रोणाचार्य, संदीपनी मुनी आदि का जिक्र मिलता है ये महान हस्ती युगयुगान्तर में गुरु रूप में अवतरित हुए।
इसी कड़ी में भारत रत्न शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । आज 5सितमबर दिन सोमवार को नगर सहित ब्लाक क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों में स्कूली छात्र छात्राओं ने डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र में धूप दीप प्रज्वलित कर शिक्षक दिवस उत्साह के साथ मनाया। शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूली छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में गीत संगीत की खूबसूरत प्रस्तुति दी शिक्षक शिक्षिकाओं ने अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुरु महत्ता के बारे मे बारिकी से बताया यह भी बताया कि बहुत पहले प्राचीन काल में आश्रमों में रहकर शिक्षार्थी अध्ययन किया करते थे। । छात्र छात्राओं ने अपने स्कूल संस्था के शिक्षक शिक्षिकाओं का फूल मालाओ पुष्प गुच्छ से सम्मान करते हुए उन्हें उपहार भेंट किये। शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी अपने शिष्यों को आशीर्वाद से अनुग्रहित किया।