बिलासपुर

ये कैसा जादू है…जो शहर में बेजा कब्जा के खिलाफ रोज हो रही युद्धस्तर पर कार्यवाही.. फिर भी शहर में हर जगह पूरी बेशर्मी से मौजूद है बेजा कब्जा.!

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। सड़क पर घूमते अथवा डेरा जमाए आवारा मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस ले जाने के लिए बने कॉउ केचर में मवेशियों की जगह नगर निगम और यातायात विभाग द्वारा जप्त किए गए ठेला ठप्पर और बेजा कब्जा विरोधी दस्ते की कश्मकश..हमारी तरह आपने भी खूब देखी होगी। नगर निगम का बेजा कब्जा विरोधी दस्ता शहर में रोज ही कहीं न कहीं हमला बोलता है। और सड़क पर कब्जा करने वाले ठेलों गुमटियों को इसी काऊ केचर में भरकर ले जा रहा है। नगर निगम का यह दस्ता बेजा कब्जा के खिलाफ रोज वैसी ही लड़ाई लड़ रहा है…जैसे रूस और यूक्रेन एक दूसरे के खिलाफ 150 दिनों से लड़ रहे हैं। लेकिन जैसे रूस और यूक्रेन की लड़ाई का कोई परिणाम नहीं निकल रहा।

ठीक वैसे ही नगर निगम के बेजा कब्जा तोडू दस्ते की तमाम दौड़ भाग और कार्रवाइयों के बाद भी बिलासपुर शहर की सड़कों पर बेजा कब्जा जैसे का तैसा बना हुआ है। निगम की ओर से रोज कहीं न कहीं कार्रवाई की जाती है। कभी शनिचरी पड़ाव में तो कभी बृहस्पति बाजार और कभी सरकंडा या मुंगेली नाका में सड़क पर कब्जा जमाने वालों के खिलाफ नगर निगम के तोडू दस्ते की कार्रवाई चलती ही रहती है। लगभग दो-तीन दशक से हम लोग इस शहर में बेजा कब्जा करने वालों का और नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी मुहिम का शौर्य प्रदर्शन लगातार देख रहे हैं।

लेकिन इस सवाल का जवाब हमारी तरह शायद और किसी के पास भी नहीं होगा कि जब बिलासपुर में ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के तोडू दस्ते के द्वारा हर दिन बेजा कब्जा के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा रही है। उसके बाद भी बिलासपुर की सडकों से बेजा कब्जा कम होने की बजाए और बढ़ता ही क्यों जा रहा है। मतलब मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की..! आप इसे कोई जादू नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे..? शायद यही है समाजवाद।।मतलब तुम्हारी भी जय जय- हमारी भी जय जय…! बीते 20-30 सालों से बिलासपुर में चल रहे इसी तिलस्म के कारण बेजा कब्जा करने वालों के घर परिवार का भी गुजर चल रहा है।

वहीं नगर निगम की तनख्वाह से अतिक्रमण विरोधी दस्ते वालों के भी घर परिवार का गुजर चल रहा है।अब रह गया सवाल बिलासपुर की बेचारी सड़कों और शनिचरी, बृहस्पति सदर और गोल बाजार का। तो उन्हें पता नहीं ऐसे हाल में अब और कितने साल..अपने सीने पर बेजा कब्जा का बोझ सहना होगा..? राम जानें..!

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