अम्बिकापुर

पितृपक्षारम्भ के साथ हुआ श्राद्ध तर्पण करने का सिलसिला….


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर– (सरगुजा) – सनातन से चली आ रही परम्परानुसार पूर्वजों के आत्म शांति एवं उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए पितृपक्ष मनाये जाने की चलन काफी पुरानी रही है। अश्विनी मास के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि से लेकर पितृअमावस्या तक लोग अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध तर्पण करते हैं। यह सिलसिला पूरे पक्ष भर चलता है ।आज रविवार से पितृपक्ष आरंभ हुआ क्षेत्र के लोगों ने अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध तर्पण किये। पौराणिक मान्यतानुसार पितृलोक से अपने पितृजन अपनो को आशीर्वाद देने पितृपक्ष के मौके पर धरती लोक में आते हैं।उनका स्वागत सत्कार करने श्राद्ध तर्पण हवन पूजन किया जाता है। तिथिवार ब्राह्मणों गाय कौवा स्वान को भोजन कराने तथा दान आदि करने की भी रिवाज रही है। साथ ही तीर्थ क्षेत्र में स्नान दान तर्पण को उत्तम बताया गया है। शास्त्रों में पितरों के आत्म शांति के लिए गया श्राद्ध करने की महिमा बताई गई है। इस पक्ष में पितरों के शांति एवं उनके कृपा हासिल करने केलिए गया श्राद्ध करने की भी परिपाटी रही है ।लोग गया तीर्थ क्षेत्र में पहुंच आत्माओं के तृप्ति के लिए श्राद्ध तर्पण करते हैं। शास्त्रों के अनुसार गया श्राद्ध सर्वोपरि माना गया है। श्राद्ध तर्पण करने से पितृदोष समाप्त हो जाता है। बहरहाल पितृपक्ष के पहले दिन श्रद्धालुओ ने अपने पितरों के लिए नदी तालाब जल सरोवरो में श्राद्ध तर्पण किये।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button