निर्माणाधीन शासकीय भवनों के कार्य स्थल पर लेखन बोर्ड नहीं होने की शिकायत
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर –(सरगुजा) क्षेत्र में शासन प्रशासन स्तर से शासकीय भवनों का निर्माण ठेकेदारो द्वारा कराया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा विभाग, के स्कूल , छात्रावास भवन स्वचछ भारत मिशन के तहत सार्वजनिक शौचालय इत्यादि शामिल हैं।परन्तु दिलचस्प बात है कि बनने वाले भवनों के निर्माण स्थल पर कोई बोर्ड लेखन नहीं होने कारण एकबारगी लोगों के ज़हन में कौतूहल वश सवाल उठने लगा है कि बनने वाला भवन का कार्य एजेंसी कौन है,? किस विभाग से मुतालुक है?, कितने लागत से बन रहा है,? उक्त भवन का कार्यारंभ कब हुआ,? तथा सम्भावित पूर्णता तिथि क्या है ?,
मजदूरी दर, ठेकेदार का नाम आदि उस लेखन बोर्ड में अंकित होने चाहिए। परन्तु निर्माणाधीन भवनों के कार्य स्थल पर कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है बोर्ड को एहमियत नहीं दी गई है। कुछ अनुभवी जानकारो का मानना हैं कि कार्यानुबध (स्टाम्प पेपर) में इस बात का जिक्र होता है कि कार्य स्थल में बोर्ड लगाये जायेगे, बनाये जा रहे भवन गुणवत्ता के आधार पर एक निश्चित अवधि होती है कि निर्माण कराया गया भवन कितने सालों तक महफूज रहेगा। इन तमाम बिदूओ पर शर्तनामा तैयार किया जाकर विभाग के सिपुर्द किया गया होता है।
साथ ही कार्य प्रारूप (इस्टिमेट)में गिट्टी, सिमेट ,बालू ,छड मजदूरी मानकों के साथ भवन ,सड़क आदि निर्माण कार्य कराये जाते हैं। पर नगरीय क्षेत्र में स्कूल बालक प्री मैट्रिक छात्रावास तथा ग्राम पंचायत जूनाडीह में ट्राइबल विभाग द्वारा बनाया जा रहा नवीन छात्रावास के अलावा नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण ठेकेदारो द्वारा कराया तो जा रहा है। परन्तु कहीं पर बोर्ड नहीं लगाया गया है। जबकि पारदर्शिता के नजरिए से बोर्ड लेखन निहायत जरूरी है। लिहाजा कार्य स्थल पर आवश्यक रूप से बोर्ड लगे होने चाहिए।
साथ ही सम्बन्धित विभाग के एस डी ओ,उप अभियंता के नामों का उल्लेख फोन नम्बर के साथ बोर्ड में होने चाहिए । जिससे आम लोगों को भी मालूम हो कि निर्माणाधीन भवन किस विभाग का है लागत कितना है कब काम पूरा होगा उपरोक्त सभी बिंदुओं की जानकारी हो। लेकिन कराये जा रहे कार्य स्थल में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।
क्षेत्रवासियों ने ठेका कम्पनी के उपर मनमानी कार्य करने का आरोप लगाते हुए सम्बंधित विभाग के उच्च अधिकारीयों का ध्यानाकर्षण कराते हुए बनने वाले भवनों पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। साथ ही काम करा रहे ठेका कम्पनी को उन कमियों के लिए ताकिद करने एवं निर्माण कार्य में गुणवत्ता पूर्ण कार्य हो मंशा जाहिर किया है । तथा नियमानुसार कार्य स्थल पर बोर्ड लगवाये जाने सुझाव दिया है। ताकि शिकवा शिकायत की गुंजाइश न रहे।