एकनाथ शिंदे ने उद्धव खेमे पर बोला हमला, कहा- धमाकों के दोषियों से सहानुभूति रखने से बेहतर है मोदी और शाह का मोहरा बनना
(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि देशद्रोहियों के स्थान पर मोदी-शाह का मोहरा बनना ज्यादा अच्छा है। उन्होंने कहा कि याकूब मेमन के प्रति सहानुभूति रखने की तुलना में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘मोहरा’ कहलाना ज्यादा बेहतर है जिन्होंने देश हित में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म कर दिया। मालूम हो कि याकूब मेमन को साल 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में दोषी करार दिया गया था जिसके बाद साल 2015 में उसे फांसी दे दी गई थी।
उद्धव खेमे पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आजकल मेरे लिए दो शब्दों का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है। एक खोखा (करोड़), दूसरा गद्दार। जबकि, 2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना-भाजपा ने गठबंधन करके लड़ा था। बैनरों पर एक तरफ पीएम मोदी की तो दूसरी तरफ बालासाहब ठाकरे की तस्वीर लगाई गई थी। लेकिन चुनाव परिणाम के आते ही मतदाताओं से विश्वासघात कर उन्हीं लोगों के साथ सरकार बना ली गई, जिनके विरुद्ध चुनाव लड़ा गया था।
जनता के साथ किसने किया विश्वासघात
शिंदे ने कहा कि आत्मपरीक्षण करने की आवश्यकता है कि जनता के साथ विश्वासघात और गद्दारी किसने की। वह सोमवार को औरंगाबाद के पैठण में शिवसेना के अपने गुट की एक बड़ी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने बालासाहब के विचारों को डुबोया, हिंदुत्व को डुबोया। उन्हें यह बताना चाहिए कि बालासाहब के विचारों का विरोध करने वालों के साथ कौन गया।
पिछली सरकार में एक आतंकी की कब्र का कर दिया गया सुंदरीकरण
शिंदे ने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि मैं भाजपा का मोहरा बन गया हूं। जबकि, यहां पिछली सरकार में एक आतंकी याकूब मेमन की कब्र का सुंदरीकरण कर दिया गया। ऐसे देशद्रोहियों का मोहरा बनने के बजाय उन मोदी- शाह का मोहरा बनना ज्यादा अच्छा है। उन्होंने बालासाहब ठाकरे के विचारों का सम्मान करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का काम किया है।
उद्धव के कार्यकाल में मुंबई में मराठियों की संख्या घटी
मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना के उद्धव गुट पर मराठी लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई में वर्षों से जो लोग सिर्फ मराठी माणुस के नाम पर वोट मांगते आ रहे हैं, उनके कार्यकाल में ही यहां मराठियों की संख्या घटती जा रही है। मुंबई के मराठी बहुल क्षेत्रों से मराठी भाषी लोग मुंबई से दूर विरार, बदलापुर और वांगणी में जाकर रहने को बाध्य हो रहे हैं।
…तो नहीं आती सरकार गिराने की नौबत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार गिरने के बाद वे लालबाग, परेल और दादर जैसे मराठी बहुल क्षेत्रों में घर-घर जा रहे हैं। यदि उन्होंने पहले ऐसा किया होता, तो सरकार गिरने की नौबत ही नहीं आती।
अब ताई भी करने लगी हैं मुझ पर टिप्पणियां
शिंदे ने इस रैली में शिवसेना के साथ ही राकांपा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अब तक मुझकर अजीत दादा ही टिप्पणियां किया करते थे, अब ताई (सुप्रिया सुले) भी टीका करने लगी हैं। सुप्रिया सुले ने एक बयान में कहा है कि महाराष्ट्र में दो मुख्यमंत्रियों की जरूरत है। एक गणपति पंडालों में घूमता रहे, दूसरा जनता का काम करे।
200 से ज्यादा विधायक चुनकर आएंगे
सुप्रिया ने यह भी कहा था कि अजीत दादा (अजीत पवार) सुबह छह बजे से काम करना शुरू कर देते हैं। इसका जवाब देते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे सुबह छह बजे तक काम करता रहता है। अभी हमारी सरकार को 160 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अगले चुनाव में भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) के 200 से ज्यादा विधायक चुनकर आएंगे।
शिंदे के गुजरने वाले रास्तों का उद्धव गुट ने किया शुद्धीकरण
शिवसेना के शिंदे गुट की रैली को लेकर शिवसेना का उद्धव गुट काफी असहज नजर आया। पहले तो एक आडियो वायरल हुआ, जिसमें 250-300 रुपये देकर लोगों को रैली में बुलाने की बात होती सुनाई दे रही थी। इसके बाद रैली से पहले जहां-जहां मुख्यमंत्री ¨शदे गए, उस रास्ते का शुद्धीकरण उद्धव गुट ने गोमूत्र का छिड़काव कर किया।