पर्वतारोही संतोष यादव RSS के विजयादशमी उत्सव में मुख्य अतिथि होंगी…पहली बार किसी महिला को…!
(शशि कोन्हेर) : संघ को आमतौर पर पितृसत्ता के वाहक के तौर पर देखा जाता है। हालांकि उसके आनुषंगिक संगठन मातृ सेवा के लिये काम भी करते हैं। इन सबके बीच पर्वतारोही संतोष यादव को दशहरा के मौके पर मुख्य अतिथि बनाने का फैसला किया है।
यह पहली बार होगा जब कोई महिला किसी ऐसे कार्यक्रम में शिरकत करेगी जो आरएसएस के कैलेंडर का मुख्य उत्सव माना जाता है। इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे पहले जब संघ ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को नागपुर बुलाया था तो राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हुई थी।
हरियाणा की है संतोष यादव
मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली यादव दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला हैं। 2000 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।1925 में दशहरा के दिन नागपुर में आरएसएस की स्थापना के साथ संघ के सरसंघचालक इस वार्षिक आयोजन में राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर संगठन के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हैं। जबकि सरसंघचालक के साथ मुख्य समारोह नागपुर में है। आरएसएस की शाखाएं शस्त्र पूजा सहित अपने स्वयं के कार्य करती हैं।
आरएसएस में महिलाओं की है सीमित संख्या
1936 से राष्ट्र सेविका समिति नामक एक विंग के बावजूद महिलाएं इसकी मुख्य गतिविधियों का हिस्सा कम रही हैं। संघ की पहचान खाकी पतलून (पहले के शॉर्ट्स) में पुरुषों के साथ की जाती है।
समिति में संघ के समान संगठनात्मक संरचना है। शाखाओं के साथ समर्पित पूर्णकालिक कार्यकर्ता जिन्हें प्रचारिका कहा जाता है और वार्षिक प्रशिक्षण शिविर जिन्हें संघ शिक्षा वर्ग कहा जाता है। हालांकि इसकी रैंक काफी हद तक आरएसएस पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों की महिला रिश्तेदारों तक ही सीमित है। 2021-22 में संघ ने अपने वार्षि रिपोर्ट में बताया था कि संपर्क विभाग में महिलाओं की भागीदारी उत्साहवर्धक है।