बिलासपुर

लोकस्वर की खबर का असर : बिलासपुर तहसीलदार का निगम आयुक्त को पत्र, फर्जी प्रमाण पत्रों कि जाँच शुरू….

(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – फर्जी तरीके से जारी किए गए आमदनी निवास और जाति प्रमाण पत्र के मामले में जांच शुरू हो गई है, तहसीलदार अतुल वैष्णव ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर ऐसे मैनुअल प्रमाण पत्र जिसमें क्रमांक फर्जी तरीके से दर्ज किया गया है, उसे तहसील कार्यालय जांच के लिए भेजने कहां है.

आयुक्त को भेजे गए पत्र में तहसीलदार ने लिखा है कि जो भी आवेदन संदिग्ध नजर आ रहे हैं या फिर जिस भी मैनुअल प्रमाण पत्रों में प्रकरण क्रमांक हाथ से लिखे गए ऐसे आवेदनों को तत्काल तहसील कार्यालय भिजवाए.

गौरतलब है कि लोकस्वर न्यूज़ ने इस पूरे फर्जीवाड़ा का खुलासा किया था. मोर जमीन मोर आवास योजना के तहत नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले किरायेदारों को जो कि बिलासपुर के मूल निवासी हैं उन्हें निगम प्रशासन मकान उपलब्ध करा रहा है.

इसके लिए विकास भवन में आवेदन जमा कराए जा रहे हैं. जिन हितग्राहियों के पास मूल निवास और आमदनी प्रमाण पत्र नहीं है वे दलाल के चंगुल में फंस कर फर्जी तरीके से जारी किए जा रहे प्रमाण पत्रों को आवेदन के साथ जमा कर रहे है.

तहसील कार्यालय के कुछ वकीलों के नाम सामने आए जो बना रहे फर्जी प्रमाण पत्र :- एसडीएम ने कुछ ऐसे हितग्राहियों के बयान दर्ज करवाए हैं जिन्होंने फर्जी आमदनी जाति और निवास प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा किए हैं. आने वाले कुछ दिनों में थाने में अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा जिसके बाद उन वकीलों और दलालों के नाम सामने आएंगे.

करीब 400 से अधिक आवेदनों में लगे हैं फर्जी प्रमाण पत्र :- मकान पाने के लिए नगर निगम में जो हितग्राहियों ने आवेदन किए हैं उसमें से करीब 400 से अधिक आवेदनों में फर्जी जाति निवास व आमदनी प्रमाण पत्र लगे होने कि बाते सामने आयी है. वही यह भी जानकारी मिली है कि तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार के दर्जनों फर्जी सील बनाये गये है.

इस तरह से होंगी आवेदनों कि जाँच :- जिस भी हितग्राही के आवेदन के साथ फर्जी प्रमाणपत्र लगे होंगे, पहले उस हितग्राही से पूछताछ होगी और उसके बयान के आधार पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले का नाम सामने आएगा.

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