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हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए बढ़ाना होगा संवाद….जनसंख्या नियंत्रण पर भी बोले मोहन भागवत

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि मुस्लिम–हिंदू की एकता के लिए संवाद बढ़ाना होगा। इसी के चलते देश का विभाजन हुआ। उधर भी जो गए वह भी खुश नहीं हैं। हम जब समरसता की इस प्रकिया में शक्तिवान होकर संवाद बढ़ाते हैं तो उसे गंभीरता से लिया जाता है। क्योंकि तब किसी स्वार्थ के लिए नहीं होता, बल्कि आत्मीयता के साथ होता है।

भागवत ने कहा कि यह बताना होगा कि हमारी एकता किसी पहचान को मिटाकर नहीं बनती, बल्कि सह अस्तित्व की बात करती है। यह भेद अलग पहचान और लाभ के लिए बनी है। इसे दूर करना है। ये हमारे हैं, इसलिए दोस्ती बढ़नी चाहिए।

वह संकल्प फाउंडेशन व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला-2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण पर भी एक नीति की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुस्लिम समाज से संवाद बढ़ाने की पहल के तहत महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बृहस्पतिवार को किसी मदरसे पहुंचे और वहां के 300 छात्रों से सीधे संवाद किया। संवाद में उन्होंने छात्रों को इंसानियत, देशप्रेम व नारी सम्मान का पाठ पढ़ाया। यह 74 वर्ष पुराना मदरसा ताजबीदूल कुरान पुरानी दिल्ली के बाड़ा हिंदूराव में स्थित है।

वह मदरसे में ऐसे वक्त गए जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर विवाद बना हुआ है। छात्रों से संवाद में संघ प्रमुख ने मदरसों के आधुनिकीकरण और छात्रों के लिए आधुनिक शिक्षा पर भी जोर दिया है। यहां वह तकरीबन दो घंटे रहे। इस दौरान मदरसा “भारत माता की जय’ और “वंदेमातरम’ के जयकारों से गूंजता रहा। उन्होंने छात्रों के साथ ही चाय-नाश्ता भी लिया।

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