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सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठों में सुनवाई का आज से होगा सीधा प्रसारण, CJI बोले- जल्द होगा हमारा अपना प्लेटफार्म

(शशि कोन्हेर) : सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठों में होने वाली सुनवाई का मंगलवार से सीधा प्रसारण होगा। आम जनता देश की सर्वोच्च अदालत में चल रही सुनवाई और दलीलों को घर बैठे देख पाएगी। यह पहला मौका होगा जब सुप्रीम कोर्ट में औपचारिक सुनवाई का सीधा प्रसारण होगा।

सोमवार को कोर्ट ने सजीव प्रसारण के बारे में सुप्रीम कोर्ट के कापीराइट का मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि जल्द ही कोर्ट का अपना प्लेटफार्म होगा। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल सजीव प्रसारण सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर वेबकास्ट के जरिये उपलब्ध होगा।

22 सितंबर को लिया था फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने फुल कोर्ट मीटिंग में 22 सितंबर को फैसला लिया था कि संविधान पीठों के समक्ष होने वाली सुनवाइयों का 27 सितंबर से सजीव प्रसारण किया जाएगा। संविधान पीठों में संवैधानिक महत्व के व्यापक असर वाले मामलों की सुनवाई होती है।

इन मामलों में संविधान के उपबंधों की व्याख्या या मौलिक अधिकारों के हनन आदि के मुद्दे शामिल होते हैं। सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ कम से कम पांच न्यायाधीशों की होती है।

तीन पीठों में इन मामलों की होगी सुनवाई


मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन संविधान पीठें अलग-अलग मामलों की सुनवाई के लिए बैठेंगी। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ आर्थिक आरक्षण के मामले में सुनवाई करेगी। दूसरी पीठ की अध्यक्षता जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे।

ये पीठ दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारियों की ट्रांसफर-पो¨स्टग के अधिकारों के विवाद की सुनवाई करेगी। तीसरी संविधान पीठ की अध्यक्षता जस्टिस संजय किशन कौल करेंगे यह पीठ बार काउंसिल के नियमों से जुड़े मुद्दे की सुनवाई करेगी।

गोविंदाचार्य की याचिका का जिक्र
सोमवार को वकील विराग गुप्ता ने कोर्ट की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग के बारे में केएन गो¨वदाचार्य की याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक अर्जी दाखिल की है, कोर्ट को उस पर जल्द सुनवाई करनी चाहिए।

कापीराइट सरेंडर नहीं कर सकता
विराग गुप्ता ने कहा कि कोर्ट मंगलवार से संविधान पीठ की सुनवाइयों का सजीव प्रसारण करने वाला है, लेकिन यहां सुप्रीम कोर्ट के कापीराइट का मुद्दा शामिल है। सुप्रीम कोर्ट कापीराइट सरेंडर नहीं कर सकता। गुप्ता ने कोर्ट के 2018 के एक आदेश का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट यूट्यूब पर सजीव प्रसारण करेगा तो यूट्यूब कापीराइट मांगेगा। पीठ ने उनकी दलीलों पर कहा कि कोर्ट इस पर ध्यान देगा।

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