1000 और 500 के नोट बंद (नोटबंदी) करने के फैसले की सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट
(शशि कोन्हेर) : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की एक और संविधान पीठ का गठन किया जो पांच महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेगी, जिनमें 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के केंद्र सरकार के 2016 के फैसले को चुनौती देने का मामला शामिल है।
वर्तमान में प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली तीन पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठें विभिन्न विवादास्पद मुद्दों पर सुनवाई कर रही हैं जो वर्षों से लंबित थे।
चौथी पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता जस्टिस एस. अब्दुल नजीर करेंगे और इसमें जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल होंगे।
यह पीठ बुधवार से पांच मामलों की सुनवाई करेगी। सबसे पहले यह केंद्र सरकार के आठ नवंबर, 2016 के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं की सुनवाई शुरू करेगी।
मालूम हो कि 16 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, जस्टिस (सेवानिवृत्त) एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्णय की वैधता के प्रश्न और अन्य प्रश्नों को आधिकारिक घोषणा के लिए पांच न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया था। पीठ ने पांच-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा तय किए जाने वाले संदर्भ आदेश में विभिन्न प्रश्न भी तैयार किए थे।