नए संसद भवन पर लगी शेरों की प्रतिकृति को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली : ‘सेंट्रल विस्टा पर लगाए गए प्रतिकृति में शेर देखने वालों की सोच पर निर्भर करता है’, यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर दी गई। नए संसद भवन पर लगी प्रतिकृति में शेरों को मूल स्वरूप से अलग होने की बात कही गई थी।
इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसे शुक्रवार खारिज कर दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र अपनी गलती को सुधार राष्ट्रीय प्रतीक को सही कर दे।
राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन
हाल में ही नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगाए गए शेरों को मूल स्वरूप से अलग बताया गया। जस्टिस एमआर शाह और कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील से सवाल किया, ‘तो आप डिजायन का फैसला देंगे? यह आप पर निर्भर करता है कि उसे कैसे देखते हैं।
‘ बेंच ने आगे कहा कि छवि या इंप्रेशन उसके दिमाग और सोच पर निर्भर करता है। बेंच ने कहा कि इसे किसी प्राविधान के खिलाफ नहीं बताया जा सकता और न ही राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन कहा जा सकता है।