अम्बिकापुर

दुर्गा प्रतिमाओं की हुई विसर्जन, फूंका गया रावण का अंतिम पुतला! क्या है? एक रोज़ बाद दशहरा मनाये जाने की हकीकत


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर -(सरगुजा) – शक्ति पूजा का महापर्व शारदीय नवरात्र मनाये जाने के अंतिम दिन असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई , के विजय का प्रतीक विजयादशमी दशहरा नगर में एक रोज़ बाद मनाया गया। इस मौके पर सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल बाजार पारा एवं नवचेतना दुर्गा पंडाल बस स्टैंड जूना लखनपुर से मां दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती गणेश कार्तिकेय के प्रतिमाओं का खूबसूरत झांकी निकाल नगर भ्रमण कराते हुए रियासत कालीन रस्म के मुताबिक राजमहल प्रांगण में लाया गया जहां राजघराने के लाल बहादुर अजीत प्रसाद सिंह देव एवं उनके पुत्र अमित सिंह देव तथा सुमित सिंह देव ने दोनों मुहल्ले के मां दुर्गा अन्य देवी देवताओं के प्रतिमाओं का धूप दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना किये तथा लोक कल्याण को लेकर माता से प्रार्थना किये।


दरअसल नगर में एक रोज़ बाद विजयादशमी मनाये जाने की परम्परा स्टेट काल रही है। इसका एक ऐतिहासिक पहलू है स्टेट मर्जर से पहले लखनपुर रियासत के जागीरदार सुसज्जित हाथी घोड़े लाव लश्कर के साथ सरगुजा महाराजा के दर्शन एवं नजराना पेश करने अम्बिकापुर जाते थे । आज भी यह चलन जिंदा है। लिहाजा नगर लखनपुर में एक रोज़ बाद विजयादसमी पर्व मनाये जाने की प्रथा है।


नियम को कायम रखते हुए नगर में 6 अक्टूबर गुरूवार को दशहरा मनाया गया। राजमहल प्रांगण से प्रतिमाओं को नगर भ्रमण कराते हुए साक्षरता मिनी स्टेडियम के समीप लाया गया जहां रावण दहन किये जाने की रस्म अदा की गई ।इस दौरान आतिशबाजी का खूबसूरत नजारा देखने मिनी साक्षरता स्टेडियम में ग्रामीण अंचलों से आये लोगों की बेशुमार भीड़ लगी रही । रावण दहन कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि खाद्य मंत्री माननीय अमरजीत भगत रहे।


अहंकार रूपी रावण का दहन किये जाने के श्रृंखला में अंतिम रावण का अग्नि वध खाद्य मंत्री माननीय अमरजीत भगत छत्तीसगढ़ शासन के कर कमलों से किया गया। माननीय मंत्री ने साक्षरता मिनी स्टेडियम में रावण दहन कार्यक्रम में सम्मिलित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि– हमारी खुशकिस्मती है कि हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश माता कौशल्या का मायका और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का ननिहाल रहा है। इतिहास इस बात का साक्षी है। शास्त्रोंक्त मत के हवाले से मा0 मंत्री ने मामा भांजे के पवित्र रिश्ते पर व्याख्यान देते हुए कहा हमारे छत्तीसगढ़ से भगवान श्री राम का युगों युगों से मामा भांजे का रिश्ता रहा है । भाजा सदैव पूजनीय होते हैं । भगवान राम ने रावण ही नहीं बल्कि आसुरी शक्तियों का नाश किया था। आगे उन्होंने कहा कि हमें अपने अन्दर छिपे रावण रूपी दुर्गुणों गलत विचारों का ही नहीं अपितु समाज में फैले बुराइयों तथा अज्ञानता रूपी रावण का दहन करना चाहिए।
उन्होंने रावण दहन समिति के पदाधिकारियों क्षेत्र से आये लोगों को विजयादशमी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर खाद्य मंत्री माननीय भगत के साथ ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कृपाशंकर गुप्ता पूर्व सरगुजा सांसद कमलभान सिंह आलोक दुबे,पूर्व नगर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, दिनेश तायल, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू, बृजेन्द्र पांडेय, लालचंद यादव नरेंद्र पांडेय, प्रशासनिक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्रीमती शिवानी जायसवाल मचाशीन रहे। शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस बल की सराहनीय भूमिका रही। रावण दहन पश्चात मां दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती गणेश कार्तिकेय ऋद्धि सिद्धि अन्य देवी देवताओं के प्रतिमाओं को गाजे बाजे के साथ नाचते गाते देर रात प्राचीन देवतालाब में विसर्जित किया गया। कोरोना काल के मद्देनजर बीते दो सालों में दशहरा मनाये जाने पर शासन प्रशासन का प्रतिबंध लगा रहा। शायद यही वजह रही कि दशहरा के मौके पर इस साल उम्मीद से ज़्यादा भीड़ भाड देखी गई। वैसे भी अम्बिकापुर के बाद लखनपुर क्षेत्र में विजयादशमी पर्व (दशहरा) वृहद रूप से मनाया जाता है। काबिले गौर है कि बरसते पानी में भी नगर के चप्पे चप्पे में लोगों की बेशुमार भीड़ रही। विधानसभा क्षेत्र अम्बिकापुर होने कारण क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक छत्तीसगढ़ शासन मा0 टी0 एस 0 सिंह देव के आने की आस लगी रही। परन्तु मा0 स्वा0 मंत्री सिंह देव के नहीं आने से क्षेत्रवासियों के दिलों दिमाग पर अनदेखी मायूसी छाईं रही।
बहरहाल नगर में उल्लास के साथ दशहरा मनाया गया।

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