लम्बित राजस्व प्रकरणों का समय सीमा पर निराकरण नहीं होने से पक्षकारों में असन्तोष..….
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर- (सरगुजा) शासन प्रशासन ने आम जरूरतमंद लोगों के राजस्व मामलों का निपटान पेशतर से पेशतर हो सके इस मकसद को लेकर जनपद क्षेत्र में तहसील न्यायालय की स्थापना किया था ताकि राजस्व मामलों में पक्षकारों के होने वाले वाहियात खर्च और समय की बचत हो सके। परन्तु अफसोस की बात है कि स्थानीय तहसील कार्यालय में अटके राजस्व सम्बधि कई लम्बित प्रकरणों का निराकरण लम्बे समय से नहीं होने कारण राजस्व ग्राम क्षेत्र के पक्षकारों में असन्तोष व्याप्त है। आवेदको की मानें तो तहसील न्यायालय में अविवादित फौती, नामांतरण बंटवारा, सीमांकन नक्शा, खसरा, बी- 1 सुधार ऋण पुस्तिका बनाने एवं आनलाईन रिकार्ड की दुरूस्ती के लिए तहसील कार्यालय का ही नहीं वरन् हल्का पटवारी ,राजस्व निरीक्षक क्वार्टरों के चक्कर सालों लगाने पड़ते हैं। कुछ पटवारी पदोन्नति पाकर राजस्व निरीक्षक बने सालों से एक ही तहसील कार्यालय में कुंडली मारे बैठे हैं । आवेदको ने मामले के निपटारे में लेट लतीफी होने के लिए पटवारी, राजस्व निरीक्षको को भी जिम्मेदार ठहराया है। बिना चढ़ोत्तरी के पक्षकारों के राजस्व सम्बधि काम नहीं करते। न्यायलयीन उलझे मामलों का अंतिम नतीजा जल्दी नहीं आने से आवेदको को पेशी पर पेशी दे दी तो जाती है पर इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकलता। लिहाजा पक्षकारों का मामला अंजाम तक नहीं पहुंच पाने से सिलसिला यूं ही चलता रहता है। आवेदको का मानना है समय पर मामले का निपटारा नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी उठानी पडती है समय पर इंसाफ नहीं मिल पाता। तहसील कार्यालय में व्याप्त लचर व्यवस्था को लेकर शासन प्रशासन उदासीन है। जिससे आवेदको में हताशा असन्तोष व्याप्त है। तहसील कार्यालय में हो रहे अनियमितता पूर्ण कार्य एवं मामलों के निपटारे में लेट लतीफी को लेकर क्षेत्र के पक्षकारों में काफी नाराजगी है । तहसील कार्यालय में व्यवस्था ऐ को लेकर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है। वहीं तहसील कार्यालय में अनाप शनाप उगाही करने वाले सक्रिय दलालों के उपर नियमानुसार कार्यवाही करने मांग किया है ।