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क्या ऐसी हो रही है, भारतीय विदेश नीति की हालत….कि…न खुदा ही मिले न विसाले सनम…!

(शशि कोन्हेर) : हमारे देश की विदेश नीति का जो हाल बीते कुछ दिनों से दिखाई दे रहा है, वह बहुत चिंताजनक है। एक सीधी सी कहावत है कि अगर आप, सभी को खुश रखने की कोशिश करेंगे तो वास्तव में आपसे कोई भी खुश नहीं रहेगा। कमोबेश यही हालत इस समय विश्व मंच और भारत के पड़ोसी मुल्कों से रिश्तो के मामले में देखी जा रही है। ना अमेरिका नाराज हो, और न रूस..! इस चक्कर में अमेरिका भी हमसे नाराज हो रहा है और रूस भी हमें संदेह की नजर से देख रहा है। हालात यह है कि हमारे सबसे बड़े परंपरागत दुश्मन पाकिस्तान पर अमेरिका और रूस दोनों ही कुर्बान मेहरबान हो रहे हैं तो चीन के साथ रूस की ताजा गलबहियां सभी को दिखाई दे रही है। ऐसे हालात के कारण मन में यह शंका कुशंका जड़ें जमा रही है कि कहीं विदेश नीति के मामले में हम अलग-थलग अकेले तो नहीं पड़ते जा रहे।

अमेरिका के राष्ट्रपति और चीन के डॉन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गलबहियों का कोई तात्कालिक कूटनीतिक- रणनीतिक लाभ भारत को मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। मोदी सरकार और उनके समर्थक बार-बार एक ही बात को भारत के हित में बता रहे हैं कि इसके पहले कभी भी हमारे किसी विदेश मंत्री ने इतनी साफगोई से विश्व की महा शक्तियों को दो टूक बात नहीं सुनाई। जितनी खरी-खरी आज के विदेश मंत्री जयशंकर सुना रहे हैं। लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता है। आज विदेश नीति और रणनीतिक मामले में हमारी असफलता साफ दिखाई दे रही है। ऐसा लगता है कि हम भूटान,नेपाल बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे मुल्कों से भी उसकी ही शर्तों पर बात करने को विवश है। और यह एक प्रामाणिक सचाई है कि खराब विदेश नीति का असर देर सवेर देश की आर्थिक नीतियों को भुगतना ही पड़ता है।

एक सवाल मन में जरूर कौंध रहा है कि डेढ होशियारी में तटस्थ रहने की अपनी नीति के चलते, आगे जब कभी हमें जरूरत पड़े…तो रूस और अमेरिका भी हमारी तरह तटस्थता का मुखौटा पहन लें। हम यह अपेक्षा कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम भारत की वैश्विक रणनीति के मामले में मौजूदा हालात को जल्दी से जल्दी से जल्दी ठीक करेंगे। उम्मीद की जानी चाहिए कि दुनिया की रणनीति के मामले में हमारी विदेश नीति की असफलता के दुष्परिणामों को रोकने की दिशा में भारत सरकार और उसका विदेश मंत्रालय जल्द ही सक्रिय होगा। वरना ना तो रूस हमारा होगा और ना ही अमेरिका।‌..!

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