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आखिरकार महबूबा मुफ्ती आज सरकारी कोठी खाली करेंगी, इस्टेट विभाग ने भेजा था नोटिस

(शशि कोन्हेर) : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को सरकारी कोठी खाली करने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया को मेरे मकान खाली करने के मुद्दे के बजाय जनहित के अन्य मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। जम्मू कश्मीर के हितों के खिलाफ सरकारी स्तर पर हो रहे कार्याें से जनता को जागरूक करना चाहिए। प्रदेश इस्टेट विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बीते दिनों सरकारी कोठी खाली करने का एक नोटिस भेजा है।

आज बीजबेहाड़ा, अनंतनाग में अपने पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के मजार पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के बाद मीडिया के साथ बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार सिर्फ और सिर्फ प्रचार के लिए काम कर रही है। प्रदेश में विकास के नाम पर सिर्फ दावे किए जा रहे हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। आए दिन निर्दाेष लोगों की हत्याएं हाे रही हैं। यहां लोगों को क्षेत्र और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिशें हाे रही हैं।

इसी दौरान जब उनसे कोठी खाली करने के नोटिस के बारे में पूछा गया ताे उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए कोई बड़ी चीज नहीं है। मैं सरकारी बंगला खाली करने जा रही हूं। यह मुझे नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है जिस पर मीडिया को ध्यान देना चाहिए। यहां कई गंभीर मामले हैं, जम्मू कश्मीर की जनता के लिए लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, मीडिया को उन पर चर्चा करनी चाहिए, उन्हें उजागर करना चाहिए।

पीडीपी अध्यक्ष ने इस दौरान कन्नौज उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों के हत्यारे आतंंकी इमरान बशीर गनई की मौत का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वह कैसे एक मुठभेड़ में मारा जा सकता है, जब वह पकड़ा गया है तो फिर उसे तलाशी अभियान में क्यों ले जाया गया। उसकी मौत कई सवाल पैदा करती है, लेकिन मीडिया उन पर चुप बैठा है। उन्होंने कहा कि मैं कोठी खाली करने के सरकारी नोटिस से हैरान नहीं हूं। सरकार ने मेरे पासपोर्ट पर रोक लगाई है, प्रवर्तन निदेशालय की जांच बैठाई है, यह सब राजनीतिक दुराग्रहपूर्ण है। मैं जल्द ही सरकारी आवास छोड़ने जा रही हूं।

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